
- बीएकेएस का आरोप है कि सरकार और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से प्रशंसा प्राप्त करने की जल्दबाजी में बीएसएल प्रबंधन नियम तोड़ रहा।
सूचनाजी न्यूज़, बोकारो। बीएसएल अधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) ने कार्यकारी निदेशक (मानव संसाधन) को पत्र लिखकर ह्यूमन कैपिटल मैनेजमेंट (एचसीएम) सिस्टम को कर्मचारी-अनुकूल बनाने की मांग की है। बीएकेएस का आरोप है कि सरकार और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से प्रशंसा प्राप्त करने की जल्दबाजी में बीएसएल प्रबंधन ने जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करते हुए एचसीएम सिस्टम को लागू कर दिया। इसे बिना पर्याप्त प्रशिक्षण के 1 मार्च 2025 से प्रभावी कर दिया गया।
प्रबंधन ने स्वयं की पीठ थपथपाई कि बीएसएल डीपीडीपी अधिनियम 2023 का पालन करने वाली पहली सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई है। हालांकि, इसके सुचारू संचालन के लिए न तो कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया और न ही उन्हें स्मार्टफोन, लैपटॉप या इंटरनेट सुविधा प्रदान की गई। एचसीएम एक नई प्रणाली है, जो अटेंडेंस अपडेशन और मानव संसाधन कार्यों को सुगम बनाने के लिए लागू की गई है। यह पूरी तरह इंटरनेट, कंप्यूटर और स्मार्टफोन आधारित है।
कई वरिष्ठ और कम पढ़े-लिखे कर्मचारी इस प्रणाली के संचालन और इंटरनेट/स्मार्टफोन के उपयोग में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इसके बावजूद, प्रबंधन ने आवश्यक तकनीकी संसाधन उपलब्ध नहीं कराए।
यूनियन की मांगें:
1. सभी कर्मचारियों को एचसीएम का पूर्ण प्रशिक्षण दिया जाए।
2. सिस्टम संचालन के लिए आवश्यक स्मार्टफोन, लैपटॉप, डेस्कटॉप, इंटरनेट और वाई-फाई की सुविधा प्रदान की जाए।
3. प्रत्येक विभाग में एक या दो अधिकारियों की नियुक्ति की जाए, जो तकनीकी समस्याओं के समाधान और कम पढ़े-लिखे कर्मचारियों को सहयोग प्रदान करें।
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4. जब तक एचसीएम सिस्टम पूरी तरह स्थिर नहीं हो जाता, तब तक पुरानी व्यवस्था को यथावत रखा जाए।
कर्मचारियों को अपने खर्चे पर स्मार्टफोन/लैपटॉप खरीदना पड़ रहा
यूनियन अध्यक्ष हरिओम ने कहा, “दो से चार लाख वेतन पाने वाले अधिकारियों को एचसीएम संचालन के लिए स्मार्टफोन, लैपटॉप, इंटरनेट और वाई-फाई की सुविधा दी जा रही है, जबकि हजारों में वेतन पाने वाले कर्मचारियों को अपने खर्चे पर स्मार्टफोन/लैपटॉप खरीदकर और स्वयं प्रशिक्षण लेकर इस सिस्टम का उपयोग करना पड़ रहा है।”