- भिलाई स्टील प्लांट के रेल मिल के कर्मचारी मोहम्मद उमर, जोगा राव ने दिखाई मानवता।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। गाय के नाम पर सियासत कोई नई बात नहीं है। लेकिन, मानवता का भी नाता है। भिलाई बोरसी रोड बोरसी बैथनी कॉलेज के सामने एक जिंदा गाय को कुत्ते नोच कर खा रहे। गाय चीख रही थी। आंखों से आंसू बह रहे थे। राहगीर तमाशा देखते हुए आगे बढ़ते रहे। कोई रुक नहीं रहा था।
भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) (बीएसपी) के कर्मचारी व हुडको निवासी मोहम्मद उमर वहां से गुजर रहे थे। यह भयानक मंजर देखते ही थम से गए। किसी तरह कुत्तों से गाय की जान बचाई। कुत्तों को हटाने के बाद अपने बचपन के दोस्त जोगाराव को फोन किया।
खबर मिलते ही तालपुरी कॉलोनी में रहने वाले रेल मिल के कर्मचारी जोगा राव मौके पर पहुंचे। दोनों दोस्तों ने काफी लोगों को फोन लगाया। गौ-सेवकों का नंबर मांगते रहे। भिलाई के कई वाट्सएस ग्रुप में नंबर मांगने की गुहार लगाई। कहीं से कोई सहयोग नहीं मिला।
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गौ-सेवक के नाम से यू-ट्यूब में सर्च किए। चरोदा के रामकुटीर बीकेटी फाउंडेशन का नंबर मिला। गाय के इलाज के लिए इनसे सहयोग मांगा गया। डेढ़ घंटे के बाद देवेश साहू, भरत कुमार तिवारी मौके पर पहुंचे। तब तक ये दोनों दोस्त गाय की रखवाली करते रहे, ताकि कुत्ते फिर नोच न सकें।
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इस बीच बोरसी के शीतला मंदिर के पास रहने वाले खटाल संचालकों तक खबर भेजवाई। कुछ लोग आए और उनके सहयोग से गाय को उठाया गया और गौ-सेवकों की गाड़ी में रखा गया। इसके बाद टीम तत्काल रवाना हो गई और रामकुटीर फाउंडेशन के सेंटर में इलाज किया जा रहा है।
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एक गाय के लिए करीब ढाई घंटे तक सड़क पर ही दोनों दोस्त मोहम्मद उमर और जोगाराव डटे रहे। अब सोशल मीडिया पर उमर और जोगा की जमकर तारीफ हो रही है। एक तरफ जहां गाय के नाम पर सियासत होती है तो दूसरी तरफ इस तरह की मानवता कइयों को बड़ा संदेश दे गई।
ये भी गाय को जख्मी हालत में छोड़कर घर जा सकते थे, लेकिन नहीं गए। दोनों दोस्तों का यही कहना था कि घर जाते तो नींद नहीं आती। इसलिए गाय की जान बचाई।
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