- प्राचार्य ने यह भी जानकारी दी कि जल्द ही सभी क्लासरूम में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे।
- बच्चियों की सुरक्षा को लेकर महिलाएं ज्यादा फिक्रमंद थीं।
- डीपीएस स्कूल के प्राचार्य ने पालकों से बचाव में कहा-एक पुलिस अधिकारी ने फोन पर दबाव डाला था, फंसाने की धमकी दी थी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। देश के नामचीन स्कूलों में शामिल दिल्ली पब्लिक स्कूल (Delhi Public School) पर एक बार फिर सवाल उठ गया है। डीपीएस भिलाई में 6 जुलाई को किसी पांच साल की बच्ची के साथ गंदी हरकत का आरोप लगाया गया। इसका राज खुलने के बाद भिलाई के लोग भड़क गए।
डीपीएस भिलाई में भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के अधिकारी, कर्मचारी और शहर के गणमान्य नागरिकों के बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल प्रबंधन द्वारा कोई स्पष्टीकरण नहीं देने की बात से नाराज अभिभावक शुक्रवार सुबह भिलाई निवास ग्राउंड से एक रैली निकालकर स्कूल पहुंचे।
स्कूल प्रबंधन (School Management) विरोधी नारेबाजी की गई। प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ को घेर लिया गया। गुस्से को शांत करने के लिए अभिभावकों को असेंबली हॉल में बैठाया गया। जहां, बारी-बारी से पैरेंट्स अपनी बात रखते रहे। एक-एक सवाल उठता रहा। शुरुआत में सबकुछ सामान्य रूप से चल रहा था।
डीपीएस भिलाई के Principal ने ये कहा…
-प्राचार्य ने जवाब देते हुए बताया कि स्कूल में इस तरह की कोई घटना हुई ही नहीं है। बदनाम करने के लिए यह खेल खेला गया है।
-एक पुलिस अधिकारी ने कुछ दिनों पूर्व फोन करके एक एडमिशन के लिए दबाव बनाया था। बात नहीं मानने के लिए ही कुछ इसी तरह का गेम खेला गया होगा।
जबकि जिस बच्ची के बारे में पूरी कहानी बयां की जा रही है, उस दिन वह बाथरूम गई नहीं थी। सीसी टीवी कैमरे में सारी फुटेज कैद है।
-जिस दिन की घटना बताई जा रही है, उस दिन तैनात महिला कर्मचारी को हटा दिया गया है।
Principal का जवाब सुनने के बाद भड़का गुस्सा
इन बातों को सुनते ही अभिभावक भड़क गए। महिलाएं और पुरुषों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। पुलिस ने हस्तक्षेप करके किसी तरह मामला शांत कराया गया। कई बार लोगों को पीछे की तरफ धकेलना पड़ा। प्राचार्य की सुरक्षा के लिए स्कूल के कार्मिकों ने उन्हें घेर रखा था। वहीं, अभिभावकों की जुबां से निकला कि पुलिस के संरक्षण में यह सब हो रहा है। पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।
दूसरी बच्ची की तबीयत खराब हुई थी…
एक सवाल के जवाब में प्राचार्य ने समझाने की कोशिश की कि स्कूल में एक अन्य बच्ची की तबीयत खराब हुई थी, उसको घर भेज दिया गया था। जिस तरह से रेप जैसी बातें बताई जा रही हैं, वह हुआ ही नहीं है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, इसलिए महिला कर्मचारी को ड्यूटी पर आने से मना कर दिया गया है।
अभिभावकों के सवालों का जवाब नहीं दे सका स्कूल प्रबंधन
प्रबंधन के जवाब से असंतुष्ट पालकों ने तीखा सवाल किया कि जब कोई घटना हुई नहीं है तो महिला कर्मी को ड्यूटी आने से मना क्यों किया गया। प्रबंधन अब तक जवाब क्यों नहीं दे रहा था? वह कौन पुलिस अधिकारी है, जिसने फोन पर दबाव बनाया और इस तरह के केस में फंसाने की बात कही, उसका नाम सार्वजनिक किया जाए।
इन बातों को सुनने के बाद प्राचार्य ने कहा-मैं नाम सार्वजनिक नहीं कर सकता हूं। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है। सब कुछ सामने आ जाएगा।
अब हर क्लासरूम में लगेंगे सीसी टीवी कैमरे
इस दौरान प्राचार्य ने यह भी जानकारी दी कि जल्द ही सभी क्लासरूम में सीसीटीवी कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सारी कवायद पूरी कर ली गई है। बच्चियों की सुरक्षा को लेकर महिलाएं ज्यादा फिक्रमंद थीं। इस दौरान पार्षद सीजू एंथनी, बीएसपी अधिकारी डीपीएस बरार, कर्मचारी जावेद खान समेत सैकड़ों लोग सवाल-जवाब करते रहे।
मामला मरौदा का, अभिभावकों का पैदल मार्च
विरोध दर्ज कराने वाले अभिभावकों का कहना है कि मामला डीपीएस मरौदा का है। विरोध स्वरूप अभिभावकों ने अपने बच्चों को आज स्कूल नहीं भेजा था। इसके बाद सभी लोग सुबह भिलाई निवास से रिसाली डीपीएस तक मार्च निकाले। जबकि यहां की कक्षाएं भी प्रभावित हुई। मुख्यालय होने की वजह से रिसाली आए थे। प्रशासनिक भवन यही है। इसलिए यहां ज्यादा हंगामा हुआ। कक्षाएं पूरी तरह से ठप रही। शिक्षक और बच्चे भी कक्षाओं से बाहर देखे गए।