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इम्प्लाइज पेंशन स्कीम 1995: हायर पेंशन कैलकुलेशन पर बड़ी खबर, प्रो-रेटा और 60 माह के औसत पर बोला EPFO

इम्प्लाइज पेंशन स्कीम 1995: हायर पेंशन कैलकुलेशन पर बड़ी खबर, प्रो-रेटा और 60 माह के औसत पर बोला EPFO
  • ईपीएफओ मुख्यालय की एडिशनल सीपीएफसी पेंशन अपराजिता जग्गी ने जवाब दिया है।
  • स्कीम में मॉडिफिकेशन दो चीज पर हुआ था। पहला कैलकुशन प्रो रेटा आधार पर होगा और दूसरा 12 माह के बजाय 60 माह के एवरेज पर, ताकि एक सही एवरेज पेंशनेबल सैलरी मिल पाए।

अज़मत अली, भिलाई। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) कैलकुशन को लेकर कई सवाल उठाए जाते हैं। हायर वेज पर अंशदान लेने और न्यूनतम सीमा तय करने पर सवाल उठाया गया।

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इसी को लेकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) से बड़ी खबर आ रही है। इम्प्लाइज पेंशन स्कीम 1995 (Employees Pension Scheme 1995) से जुड़े सवालों का जवाब अब आधिकारिक रूप से आना शुरू हो गया है। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) की गणना पर ईपीएफओ (EPFO) का जवाब आ गया है।

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ईपीएफओ मुख्यालय की एडिशनल सीपीएफसी पेंशन (Additional CPFC Pension) अपराजिता जग्गी से किसी जया शर्मा ने सवाल किया कि हायर वेजेज पर अंशदान लिया गया, पेंशन भुगतान के लिए न्यूनतम सीमा क्यों हैं? जवाब दिया गया कि पेंशन योजना एक कॉमन फंड पर आधारित होता है। सभी सदस्यों का कंट्रीब्यूशन होता है, वह एक पूल में जाता है, उसी में से बेनिफिट दिए जा रहे हैं।

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इसका मतलब है कि हर साल लेखा-जोखा ईपीएफओ को करना पड़ता है कि जो फंड है, उसमें जो पैसा आ रहा है, वह पर्याप्त है या नहीं। हमें आज जो रिटायर हो रहे हैं, सिर्फ उन्हें पेंशन नहीं देनी है। आज जो ज्वाइंट किए हैं, कुछ समय के बाद वह रिटायर होगा। रिटायरमेंट के बाद वह पेंशन लेता रहेगा। तो हमारे किसी भी दिन को जितने भी सदस्य होते हैं। हर साल इसके लिए एनुअल वैलुएशन ऑफ फंड होता है।

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सरकार चाहे तो बेनिफिट कम कर सकती है…

फंड का आंकलन सरकार कराती है। कितना मुनाफा दे रहे हैं, कितनी आय होती है। योजना में प्रावधान है कि आकलन के आधार पर केंद्र सरकार चाहे तो किसी बेनिफिट को बढ़ा सकती है या घटा सकती है। अंशदान रेट को बढ़ा सकती है, कम कर सकती है, कितने समय के लिए दिया जाना है, यह फैसला लिया जाता है।

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इसलिए पेंशन गणना का फॉर्मला सुधारना पड़ता है

ईपीएफओ की इंट्रेस रेट से आय होती है। कभी रेट 12-13 प्रतिशत थी, आज 7-8 प्रतिशत इंट्रेस रेट ही रह गई है। इसलिए पेंशन गणना का फॉर्मला सुधारना पड़ता है। 2014 में सुधार किया गया। स्कीम में मॉडिफिकेशन किया गया था, उसमें दो चीज को लाया गया था। पहली कैलकुशन प्रो रेटा आधार पर होगी और दूसरी 12 माह के बजाय 60 माह का एवरेज लेंगे, ताकि एक सही एवरेज पेंशनेबल सैलरी मिल पाए। इसके लिए आधार तय किया गया।
एडिशनल सीपीएफसी पेंशन अपराजिता जग्गी ने कहा-बहुत से ऐसे सदस्य हैं, जिनकी शुरु में आय अधिक होती है। उम्र बढ़ने से वेतन कम होता है। ऐसे लोगों के लिए एवरेज लेते हैं तो वह सही से आता है।

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सुप्रीम कोर्ट ने सभी मॉडिफिकेशन पर मुहर लगाई

ईपीएफओ का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी मॉडिफिकेशन पर मुहर लगाया था। हम इसी आधार पर पेंशन दे रहे हैं। जो लोग हायर पेंशन पर आवेदन किए हैं। उनसे बिना पूछे हायर पेंशन सैलरी पर कंट्रीब्यूशन पेंशन फंड में नहीं डाल रहे हैं। डिमांड लेटर दिया जा रहा है। आपको तय करना है कि पैसा जमा करना है या नहीं। लेकिन, यह वैकल्पिक योजना है। बाध्यता नहीं है कि अंशदान देना पड़ेगा। अगर आपको लगता है कि पेंशन कम बन रही है तो आप बाध्य नहीं हैं।

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