- नियोक्ता, कर्मचारी के वेतन से नियोक्ता के हिस्से के अंशदान की कटौती नहीं कर सकता है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) से जुड़े सवालों का जवाब आप यहां पढ़ने जा रहे हैं। नौकरी पेशा लोग अक्सर तरह-तरह के सवाल करते हैं, जिसका ईपीएफओ से ही सही जवाब मिलता है। जानकारी के अभाव में पीएफ के पैसे आदि को लेकर काफी परेशानी होती है। इसलिए सूचनाजी.कॉम आपके लिए ईपीएफओ से संबंधित 5 सवालों का जवाब लेकर आया है।
ये खबर भी पढ़ें: Stock Market Update: सेल के शेयर भाव का Good Friday, 4 रुपए बढ़ा भाव
पीएफ, नियोक्ता, अंशदान से जुड़े सवाल-जवाब पढ़िए
प्रश्न: क्या नियोक्ता, कर्मचारी के वेतन से नियोक्ता के हिस्से के अंशदान की कटौती कर सकता है?
उत्तर: जी नहीं, इसकी अनुमति नहीं है। ऐसी कोई कटौती एक दंडनीय अपराध है। इसलिए अगर कोई कटौती कर रहा है तो इसकी शिकायत ईपीएफओ से करें।
ये खबर भी पढ़ें: ईपीएस 95 पेंशनर्स को 7500 पेंशन+डीए+मेडिकल सेवा मौत के बाद देगी सरकार…?
प्रश्न: क्या कर्मचारी भविष्य निधि (Employees Provident Fund) में भुगतान के कारण नियोक्ता द्वारा वेतन कम किया जा सकता है?
उत्तर: जी नहीं, यह कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्र.उ. अधिनियम, 1952 की धारा 12 के अंतर्गत विशेष रूप से प्रतिबंधित है।
ये खबर भी पढ़ें: EPFO से ऑटोमैटिक फंड ट्रांसफर पर बड़ी खबर, नौकरी के साथ रहेगा पैसा भी
प्रश्न: नियोक्ता द्वारा भविष्य निधि देयों यानी dues को विलंब से जमा किए जाने पर, क्या सदस्य उस राशि पर पूर्ण ब्याज का हकदार है?
उत्तर: बकाया राशि का वसूली के पश्चात, भविष्य निध सदस्यों को प्रत्येक देय महीने के लिए पूर्ण ब्याज दिया जाएगा और यह, भुगतान किए गए अंशदान पर सदस्यों को देय ब्याज को किसी भी तरह प्रभावित नहीं करेगा। नियोक्ता पर क्रमशः अधिनियम की धारा 7 क्यू के तहत दांडिक ब्याज और धारा 14 बी के तहत दांडिक नुकसानी का जुर्माना लगाया जाएगा।
ये खबर भी पढ़ें: 8वीं पास वालों के लिए 50 पदों पर नौकरी, डाक्यूमेंट लेकर 16 को आइए
प्रश्न: किसी कर्मचारी को उसके निलंबन की अवधि के दौरान निर्वाह भत्ता दिया जाता है। क्या इस पर भविष्य निधि अंशदान देय है?
उत्तर: जी नहीं।
प्रश्न: क्या एक कर्मचारी सेवा छोड़ने के पश्चात कर्मचारी भविष्य निधि में अंशदान कर सकता है?
उत्तर: जी नहीं, नियोक्ता एवं वेतन के बगैर कोई वसूली नहीं की जा सकती। सदस्य द्वारा किया गया कोई भी अंशदान नियोक्ता के अंशदान के समतुल्य होना चाहिए।
ये खबर भी पढ़ें: ESIC, श्रम सुधारों, ई-श्रम-असंगठित श्रमिकों पर सरकार की बड़ी तैयारी