- ईपीएफओ को भंग करने की उम्मीद पेंशनभोगी पाले हुए हैं।
- पेंशनर बोले-हमने राजनेताओं की ऐसी बहुत सी नौटंकी देखी है। हम तंग आ चुके हैं।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। ईपीएफओ (EPFO) सभी औपचारिकताओं और उच्च पेंशन की गणना पूरी करने के बाद आवेदकों को डिमांड नोटिस भेजता है। स्वीकृति और ब्याज के साथ अंतर अंशदान प्राप्त होने पर, ईपीएफओ (EPFO) को बस पीपीओ जारी करना होता है।
पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई का कहना है कि हमें पीपीओ तैयार करने के लिए धन प्राप्त होने के बाद उन्हें 15 दिन का समय देना चाहिए। इससे अधिक देरी केवल ब्याज के लिए योग्य है। भले ही बैंक में ईपीएफओ के खाते में डीडी की आय जमा करने की तारीख हो, पीपीओ जारी होने तक ब्याज सामान्य रूप से महत्वपूर्ण नहीं होगा।
वहीं, पेंशनर सुखेंदु मंडल ने कहा-जो पेंशनभोगी किसी भी राशि को जमा करने की स्थिति में नहीं हैं, वे पेंशन वृद्धि के अभाव में मरने का इंतजार करेंगे।
गिरिजा विजयकुमार ने ईपीएफओ पर किए गए कमेंट पर कहा-अगर ईपीएफओ भंग हो जाता है तो यह बहुत अच्छी खबर होगी। पेंशनभोगियों की आंखों में धूल झोंकने के लिए ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। हमने राजनेताओं की ऐसी बहुत सी नौटंकी देखी है। हम तंग आ चुके हैं।
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