- अपील की गई कि वास्तविक वेतन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बिना देरी के लागू किया जाए।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) और केंद्र सरकार से मांग करने वालों वालों का जत्था सक्रिय हो गया है। नई सरकार गठित होते ही मोदी सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी गई है। न्यूनतम पेंशन 1000 से बढ़ाकर 7500 रुपए करने की मांग की जा रही है। पेंशनर्स ने केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री को ही घेर लिया। पूरी बात सुनाई और पेंशनर्स के हक में फैसला लेने की मांग की।
पेंशनर्स Vilas Ramchandra Gogawale ने पूरे घटनाक्रम को साझा करते हुए लिखा-श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे से मुलाकात की गई है। एनएसी कर्नाटक और केएसआरटीसी/बीएमटीसी नेताओं ने उनके बैंगलुरु कार्यालय में भारत सरकार के श्रम राज्य मंत्री से मुलाकात की और उनका सम्मान किया।
EPS-95 पेंशन धारकों (EPS 95 Pensioners) ने पेंशन व वास्तविक वेतन पाने के संघर्ष को लेकर सुप्रीम कोर्ट का परिणाम 04-11-22 लागू करने में देरी को अनुचित तरीके बताए। एनएसी राष्ट्रीय मुख्य समन्वयक रमाकांत नरगुंड, NAC GS, प्रदेश अध्यक्ष स्वामी और बीएमटीसी केएसआरटीसी अध्यक्ष नानजुंडेगौड़ा ने गरीब सेवानिवृत्ति वेतन धारकों की परेशानी के बारे में विस्तार से चर्चा की।
8500 ईपीएस-95 पेंशनभोगियों (EPS 95 Pensioners) का निधन हो चुका है। सेवानिवृत्ति भुगतानकर्ताओं ने कर्नाटक में बिना न्याय की दुनिया छोड़ चुके हैं। साथ ही शोभा करंदलाजे से भारत सरकार के श्रम कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया से चर्चा कर मांगों को पूरा करने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया गया।
सीबीटी में सरकार को ईपीएफओ (EPFO) को उचित आदेश देने की जरूरत है और मंत्रियों से भी अपील की गई कि वास्तविक वेतन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बिना देरी के लागू किया जाए।
इस दौरान एनएसी कर्नाटक उपाध्यक्ष वीरकुमार गडद और पदाधिकारी, कुमार, सुवाना, दोलप्पा और KSRTC Bmtc के सैकड़ों ईपीएस 95 पेंशनधारी (EPS 95 Pensioners) शामिल हुए। EPS-95 पेंशन की राशि बढ़ाने के लिए संघर्ष जारी है। आंदोलन को इसके माध्यम से अतिरिक्त बढ़ावा दिया है।
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