EPS 95 पेंशन: अधिकार की लड़ाई में निमंत्रण नहीं भेजे जाते, जिनका जमीर जिंदा, वे खुद-ब-खुद आ जाते…

  • 31 जनवरी को पहले दिन उत्तराखंड के पेंशनर्स ने अनशन शुरू किया। और इसी क्रम में 8 फरवरी को छत्तीसगढ़ के पेंशनर्स अनशन में बैठेंगे।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 पेंशनर्स (EPS 95 Pensioners) देशभर में न्यूनतम पेंशन को लेकर सड़क की लड़ाई लड़ रहे हैं। केंद्र सरकार से आश्वासन मिला था कि बेहतर किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। अब पेंशनर्स लगातार आंदोलन का दायरा बढ़ाने की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं।

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ईपीएस 95 पेंशनर्स संघर्ष समिति (EPS 95 Pensioners Struggle Committee) का कहना है कि छत्तीसगढ़ के अधिक से अधिक ईपीएस 95 पेंशनर्स नई दिल्ली पहुंचेंगे। 8 फरवरी को जंतर मंतर में होने वाले एक दिवसीय भूख हड़ताल में शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष एलएम सिद्दीकी का कहना है कि किसी ने ठीक कहा है, “अधिकार की लड़ाई में निमंत्रण नहीं भेजे जाते, जिनका जमीर जिंदा है, वो खुद-ब-खुद आ जाते हैं।” इसलिए, अपने हक की लड़ाई के लिए नई दिल्ली जंतर मंतर में 8 फरवरी को अवश्य पहुंचें और भूख हड़ताल में सम्मिलित शामिल हों।

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उत्तराखंड-पंजाब के पेंशनर्स ने दिखाइर ताकत

8 दिसंबर से 14 दिसंबर तक जंतर मंतर में श्रृंखलाबद्ध अनशन शुरू किया गया था। लेकिन रोजगार एवं श्रम मंत्री के आश्वासन के बाद अस्थाई रूप में रोक दिया गया। चूंकि अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है।

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ईपीएस 95 पेंशनर्स राष्ट्रीय संघर्ष समिति (EPS 95 Pensioners Rashtriya Sangharsh Samiti) ने निर्णय लिया था कि 31 जनवरी से जंतर मंतर नई दिल्ली राज्यवार एक दिवसीय भूख हड़ताल प्रारंभ किया जाए। इसलिए 31 जनवरी को पहले दिन उत्तराखंड के पेंशनर्स ने अनशन शुरू किया। और इसी क्रम में 8 फरवरी को छत्तीसगढ़ के पेंशनर्स अनशन में बैठेंगे।

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7500 रुपए पेंशन के साथ ये भी मांग

1. सन 2013 में निर्धारित किए गए  न्यूनतम पेंशन एक हजार रुपए महीना को बढ़ाकर साढ़े सात हजार रुपए किया जाए। इसे महंगाई भत्ता से जोड़ा जाए। मात्र एक हजार रुपए महीना से पति-पत्नी का गुजारा इस महंगाई में असंभव है।

2. विधवा पेंशन को सौ प्रतिशत दिया जाए।

3. उच्च पेंशन के मामलों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, त्वरित गति से, बिना किसी भेद-भाव के निराकृत करें।

4. सभी पेंशनर्स को चिकित्सा सुविधा दी जाए।

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