- हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि ये पेंशन आज दादा-दादी के रूप में अपने पोते को गिफ्ट भी नहीं दे सकते हैं।
- स्पीकर से कहा-पीएम मोदी हर बात में बोलते हैं कि यह मोदी की गारंटी है, फिर पेंशनर्स का हक क्यों नहीं दे रहे हैं।
- पेंशनर्स की तीन ही मांग है, जिस पर सरकार को तत्काल अमल करना चाहिए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। इम्प्लाइज पेंशन स्कीम 95 (Employees Pension Scheme 95) को लेकर लोकसभा में लगातार सवाल उठ रहे हैं। पक्ष और विपक्ष ईपीएस 95 को लेकर सक्रिय है। भाजपा की सांसद हेमा मालिनी खुद पेंशनर्स को लेकर पीएम मोदी के पास तक पहुंच चुकी हैं।
अब महाराष्ट्र के बारामती से एनसीपी की सांसद सुप्रिया सदानंद सुले ने भी लोकसभा में हाथ जोड़कर पेंशनर्स का हक देने की मांग सरकार से की है। हजार-1500 रुपए में परिवार का खर्च चलाने वालों का दर्द साझा किया है। किस तरह से पेंशनर्स परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं, इसको समझने की अपील की। बुजुर्गों की तंगहाली बयां की।
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स्पीकर से यहां तक कहा कि पीएम मोदी हर बात में बोलते हैं कि यह मोदी की गारंटी है, फिर पेंशनर्स का हक क्यों नहीं दे रहे हैं। भाजपा की सांसद हेमा मालिनी खुद पीएम मोदी तक पेंशनर्स को लेकर गईं, लेकिन आज तक पेंशनर्स को न्याय नहीं मिला है।
सुप्रिया सूले ने कहा-पेंशनर्स जब नौकरी में थे, पीएफ फंड में इनका पैसा गया। आज उसी फंड से सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। औसत 1500 रुपए ही पेंशनर्स के खाते में आ रहे हैं। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि ये पेंशन आज दादा-दादी के रूप में अपने पोते को गिफ्ट भी नहीं दे सकते हैं। अपनी मेहनत का हक मांग रहे हैं। 1500 रुपए में कैसे जीवन चला सकता है? यह सरकार को भी समझना होगा।
सुप्रिया सूले ने कहा-सरकार से पेंशनर्स की बहुत छोटी सी मांग है। सरकार के पास पैसा पड़ा हुआ है। पीएम ने कहा था कि कुछ करेंगे, इसलिए सरकार जल्द फैसला ले। पेंशनर्स की तीन ही मांग है, जिस पर सरकार को तत्काल अमल करना चाहिए। कैलकुलेशन सही से करें, पति-पत्नी को पूरे हक का पैसा पूरा मिले, कास्ट ऑफ इंडेस्ट का पैसा मिलता रहे।
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