- श्रम मंत्री ने आश्वासन दिया है कि पेंशन बढ़ाने के लिए वह वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव भेजेंगे। इसके बाद आमरण को रोक दिया गया है।
अज़मत अली, भिलाई। ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95 Pension) के रूप में इस वक्त 1000 रुपए ही पेंशनर्स को दिया जा रहा है। एक हजार रुपए में ही पति-पत्नी का खर्च चल रहा है। जो अकेला है, उसको कुछ हद तक राहत है। लेकिन, इस एक हजार में कब तक जिंदगी कटेगी।
वहीं, पेंशन बढ़ाने को लेकर आंदोलन करने वाले भी महज साढ़े 7 हजार रुपए पेंशन बढ़ाने की वकालत कर रहे हैं। आखिर, 7500 रुपए ही पेंशन की मांग क्यों की जा रही है। 10 हजार, 15 हजार और 20 हजार से अधिक तक की मांग क्यों नहीं करते? इसका जवाब इस खबर में आपको मिलने जा रहा है।
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) यानी ईपीएफओ (EPFO) के दायरे में आने वाले पेंशनर्स भगत सिंह कोश्यारी कमेटी की रिपोर्ट पर विश्वास रख रहे हैं। इनका कहना है कि कोश्यारी कमेटी की रिपोर्ट पर आज अमल किया जाएगा तो वह राशि करीब साढ़े 7 हजार रुपए बनती है। इसलिए पेंशनर्स इस रकम की मांग कर रहे हैं।
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ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के मुताबिक साल 2013 में भगत सिंह कोश्यारी कमेटी ने पेंशन बढ़ाने की रिपोर्ट दी थी। कमेटी के चेयरमैन भगत सिंह कोश्यारी ही थे।
मौजूदा समय में भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। ईपीएस 95 पर रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि 1 हजार रुपए पेंशन गलत है। डीए से लिंक करके 3 हजार रुपए दिया जाना चाहिए।
भगत सिंह कोश्यारी की अध्यक्षता वाली संसदीय कमेटी ने रिपोर्ट में सरकार को न्यूनतम मासिक पेंशन 3 हजार रुपए देने का सुझाव दिया था।
समिति ने कहा था कि इसके लिए सरकार को योजना में अपने अंशदान को बढ़ाना चाहिए। आंदोलन कर रहे पेंशनर्स इसी 3 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं, जो वर्तमान में करीब साढ़े 7 हजार रुपए की राशि बनती है।
यह था ईपीएफओ-मोदी सरकार का स्टैंड
साल 2015 में राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में तत्कालीन श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा था कि ईपीएस-95 एक अंशदायी योजना है। इसके सभी देयों के भुगतान फंड की संपत्तियों से होते हैं।
योजना को वित्तीय रूप से व्यावहारिक बनाए बिना न्यूनतम पेंशन की उच्चतम सीमा को 3000 रुपये करना संभव नहीं है। यदि केंद्र इसमें अपना अंशदान 1.16 से बढ़ाकर 8.33 फीसद करता है, तो इससे सरकार पर बहुत आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
ईपीएस 95 पेंशन को लेकर सरकार-आंदोलनकारियों में यह चल रहा
-ईपीएस 95 पेंशन की राशि एक हजार रुपए से बढ़ाकर साढ़े 7 हजार रुपए करने की मांग को लेकर सियासी हलचल भी तेज है।
-पिछले हफ्ते दिल्ली में धरना-प्रदर्शन के बाद आमरण अनशन शुरू हुआ।
-सांसद हेमा मालिनी की दखल के बाद वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय हरकत में आया।
-श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव से ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत और राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र सिंह राजावत ने विस्तार से चर्चा की।
-मंत्री ने आश्वासन दिया है कि पेंशन बढ़ाने के लिए वह वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव भेजेंगे। इसके बाद आमरण को रोक दिया गया है।