SWFI के फिर अध्यक्ष बने पूर्व सांसद तपन सेन और महासचिव ललित मोहन, विश्वरूप, एसपी डे, डीवीएस रेड्डी, जेपी त्रिवेदी को मिली जगह

Former MP Tapan Sen Became President of SWFI again, Lalit Mohan Vishwarup SP Day DVS Reddy JP Trivedi in the new Committee
  • SWFI के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन में 35 सदस्यों वाली नई पदाधिकारी समिति एवं 76 सदस्यों वाली कार्यकारिणी समिति का चुनाव किया।
  • BOT मॉडल यानी बिल्ड ऑपरेट और ट्रांसफर अर्थात सरकारी पैसे से निर्माण करो कुछ समय तक करो, उसके बाद निजीकरण करते हुए निजी पूंजीपतियों के हवाले कर दो।

सूचनाजी न्यूज, राउरकेला। स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया-एसडब्ल्यूएफआई का दसवां राष्ट्रीय सम्मेलन राउरकेला में हुआ। नई कार्यकारिणी का गठन भी कर दिया गया है। एक बार फिर पूर्व सांसद तपन सेन को अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, दुर्गापुर स्टील प्लांट के कर्मचारी विश्वरूप बैनर्जी को कार्यकारी अध्यक्ष और ललित मोहन मिश्रा को महासचिव बनाया गया है। सपन सरकार कोषाध्यक्ष चुने गए।

सम्मेलन में पेश किए गए रिपोर्ट पर बहस करने के पश्चात दिए गए जवाब के साथ रिपोर्ट पास किया गया। सम्मेलन की अंतिम कड़ी में 35 सदस्यों वाली नई पदाधिकारी समिति एवं 76 सदस्यों वाली कार्यकारिणी समिति का चुनाव किया गया, जिसे सम्मेलन ने सर्वसम्मति से चुन लिया।

Vansh Bahadur

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फेडरेशन के केंद्रीय समिति में भिलाई स्टील प्लांट से एसपी डे, डीवीएस रेड्डी उपाध्यक्ष चुने गए। वहीं, जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी और संतोष कुमार प्रुष्टि कार्यकारिणी सदस्य चुने गए। दो कार्यकारिणी पदों को रिक्त रखा गया। वहीं हिंदुस्तान स्टील इंप्लाइज यूनियन भिलाई से पी सिमैय्या सचिव एवं शशिकांत कार्यकारिणी सदस्य चुने गए।

शहीद वेदी पर पुष्प चढ़ाकर शहीदों को श्रद्धांजलि

भिलाई सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी के मुताबिक तपन सेन के झंडा फहराने के साथ सम्मेलन प्रारंभ हुआ था। फेडरेशन के लीडर एवं सम्मेलन में आए हुए तमाम प्रतिनिधि साथियों ने शहीद वेदी पर पुष्प चढ़ाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

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विष्णु मोहंती ने शोक प्रस्ताव पेश किया और मौन धारण कर श्रद्धांजलि दिया गया। सम्मेलन को सुचारू रूप से संपन्न करने हेतु गठित स्वागत समिति के अध्यक्ष मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी उड़ीसा के विधायक लक्ष्मण मुंडा ने सम्मेलन के उद्धघाटन सत्र को संबोधित करते हुए सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया एवं सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।

तपन सेन ने किया सम्मेलन का उद्धघाटन

सम्मेलन का उद्धघाटन करते हुए तपन सेन ने कहा कि दसवां राष्ट्रीय सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब इस्पात उद्योग एवं राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ पूरा विश्व संकट के दौर से गुजर रहा है। पूंजीवादी व्यवस्था के उत्पादन एवं वितरण प्रणाली के चलते पूंजीवाद संकट में आता है एवं उस संकट से मजदूर लड़ ना पाए इसके लिए पूंजीपतियों के इशारे पर मजदूर विरोधी नीतियां एवं कानून लाया जा रहा है।

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बढ़ रहे संकट में मेहनतकशों को एक होने से रोकने के लिए समाज में धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर, भाषा एवं अन्य तरीके अपना कर विभाजन किया जा रहा हैं किन्तु पूंजीवाद के लाख कोशिश के बावजूद मजदूर लड़ता भी है और जीतता भी है।

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मंजूर नहीं है सरकार का BOT मॉडल

सम्मेलन में तपन सेन ने कहा कि BOT मॉडल हमें मंजूर नहीं है। BOT मॉडल का मतलब है बिल्ड ऑपरेट और ट्रांसफर अर्थात सरकारी पैसे से निर्माण करो कुछ समय तक करो उसके बाद निजीकरण करते हुए निजी पूंजीपतियों के हवाले कर दो।

विकास के लिए आधुनिकीकरण जरूरी है। किंतु BOT मॉडल के तहत मौजूदा आधुनिकीकरण एवं विस्तारीकरण के लिए सरकार आम जनता के मेहनत का पैसा लगा रही है उसे कुछ दिन संचालित करने के बाद पूंजीपतियों के हाथ में सौंप रही हैं, जिस के विरोध में संघर्ष को मजबूत करते हुए सरकार के इस कदम को रोकना होगा।

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