- BIS सोने की क्वालिटी को प्रमाणित करती है, इसे आप ऐसे जांचें।
- भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) हॉलमार्क का मापदंड तय करती है।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। भारतीय समाज (Indian society) में स्वर्ण के आभूषणों की काफी महत्ता है। यहां की महिलाएं किसी न किसी रूप में स्वर्ण को धारण की होती है। आज के दौर में पुरुष भी अंगूठी से लेकर सोने की चेन काफी पहनने लगे है। जबकि स्वर्ण खरीदना हर मध्यम वर्गीय परिवार का ख्वाब रहता है।
महंगा होने के कारण लोग हमेशा खरीदने के बजाए दीपावली, धनतेरस, अक्ष्य तृतीया जैसे पवित्र मौकों पर जरूर सोने के आभूषणों के साथ ही ठोस मटेरियल की खरीदी करते है। ऐसे में जिस स्वर्ण की आप खरीदी कर रहे है वे कितना सही है, कही कोई मिलावटी वस्तु तो आप को टिकाया नहीं जा रहा आदि बातों का ध्यान रखना काफी आवश्यक हो जाता है।
थोड़ी भी चूक से आपकी हजारों और लाखों रुपए तक की पूंजी बर्बाद हो सकती है। साथ ही जो मटेरियल आप चाहते है वह आपको नहीं मिलने पर आप स्वयं को ठगा हुआ महसूस करते है। आज हम इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए स्वर्ण खरीदी के पहले ख्याल रखने वाली जरूरी बातों के बारे में बताएंगे…।
गुणवत्ता की बारीकी से कर लें जांच
अगर आप स्वर्ण के गहने खरीद रहे हैं तो कभी भी उसकी गुणवत्ता को नजरअंदाज नहीं करें। आप गोल्ड की क्वालिटी की बारीकी से जांच कर लें। हॉलमार्क देखकर ही आभूषणों की खरीदी की जाए। क्योंकि सोने की वास्तविकता की यही गारंटी है, जैसे कैरेट, वजन आदि-आदि को हॉलमार्क से प्रमाणिकता मिलती है।
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) हॉलमार्क का मापदंड तय करता है
आपको मालूम हो कि भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) हॉलमार्क (Bureau of Indian Standards Hallmark) का मापदंड तय करता हैं। हम आपको बता दें कि सभी कैरेट के हॉलमार्क नंबर अलग-अलग होते हैं, जिसे देख कर और समझ कर ही आप काफी आसानी से स्वर्ण खरीदी कर सकते है।
ऐसे में किसी तरह से बहकावे में नहीं आएंगे। साथ ही व्यापारी द्वारा कैरेट और वजन के हिसाब से बताया गया ब्यौरा और ली गई राशि के बारे में आप पूर्णत: स्पष्ट रहेंगे। किसी तरह से संशय की स्थिति नहीं रहेगी।