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Gratuity Ceiling: ग्रेच्युटी सीलिंग नहीं हुई वापस, फिर भी SAIL कर्मचारी को मिला 23 लाख तक, ये है वजह

Gratuity Ceiling: ग्रेच्युटी सीलिंग नहीं हुई वापस, फिर भी SAIL कर्मचारी को मिला 23 लाख तक, ये है वजह
  • पुराने कैलकुलेशन के अनुसार मई में रिटायर हुए कर्मचारियों को भी मिली 20 लाख से अधिक ग्रेच्युटी

अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited) के कर्मचारी पिछले एक सप्ताह से काफी बेचैन हैं। ग्रेच्युटी (Gratuity) को लेकर तरह-तरह की बातें चल रही हैं। कोई बोल रहा है कि सेल प्रबंधन ने ग्रेच्युटी सीलिंग को लेकर बड़ा फैसला ले लिया है। कोई बोल रहा है कि नए बेसिक-डीए के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन किया गया है, जिसके कारण कर्मचारियों को 23 लाख तक ग्रेच्युटी मिली है। जिस कर्मचारी को इतनी मोटी रकम वह इसे छुपाने में व्यस्त है। इस बात का डर सता रहा है कि कहीं बात उजागर होने के बाद रिकवरी न कर ली जाए, क्योंकि सरकार ने 20 लाख की ग्रेच्युटी सीलिंग लगाया है।

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Suchnaji.com ने कर्मचारियों के बीच चल रही चर्चाओं को गंभीरता से लिया। सेल कारपोरेट आफिस के सूत्रों से जानकारी ली। पता चला कि ग्रेच्युटी सीलिंग वापस नहीं हुई है। 20 लाख तक की सीमा आज भी है। लेकिन, कर्मचारियों को 20 लाख से अधिक की राशि दी जा रही है।

2021 में हुए वेतन समझौते के बाद ग्रेच्युटी को लेकर जो फॉर्मूला आया है, उसके अनुसार अक्टूबर 2021 माह के बेसिक-डीए अर्थात प्री रिवाइज बेसिक डीए पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन किया जा रहा है। यदि वह ग्रेच्युटी 20 लाख से ऊपर बनती है तो उसे बढ़ी हुई रकम ग्रेच्युटी के रूप में दी जा रही है।

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अगर, प्री रिवाइज बेसिक पर गणना करने पर किसी का ग्रेच्युटी 20 लाख से कम बनता है तो उसकी ग्रेच्युटी की गणना रिटायरमेंट मंथ के बेसिक-डीए के आधार पर किया जा रहा है। इसी गणना के अनुसार यदि कर्मचारी की ग्रेच्युटी 20 लाख से अधिक बनती है तो उसे यही 20 लाख ही दिया जा रहा है। इससे अधिक उसे राशि नहीं दी जाएगी। वहीं, नए बेसिक डीए की गणना करने के बावजूद 20 लाख से कम ग्रेच्युटी बनती है तो उसे गणना वाली राशि ही दी जाएगी। यानी 20 लाख से कम ही रकम मिलेगी।

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ज्ञात हो कि सरकार के नियम के अनुसार वर्तमान में ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख ही है। ओपन ग्रेच्युटी का फॉर्मूला अब भी लागू नहीं है। इसकी मांग को लेकर हाईकोर्ट तक चल रही लड़ाई। सीटू ने कोलकाता हाईकोर्ट में केस लगाया है।

इसी तरह रायपुर सीएलसी के यहां भी परिवाद दायर किया गया है। मांग की जा रही है कि ग्रेच्युटी सीलिंग को वापस लिया जाए। ओपन ग्रेच्युटी फॉर्मूले को लागू किया जाए। जिसका जितना बनता है वह दिया जाए।

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इसलिए अचानक चर्चा में आया ग्रेच्युटी

सेल का एक कर्मचारी 29 साल की सेवा के बाद रिटायर हुआ। ग्रेच्युटी के रूप में 23 लाख से अधिक मिला। यह बात उसने अपने दोस्तों के बीच साझा की। कानों-कान यह बात जंगल में आग की तरह फैलती गई। दावा किया गया कि पुराने कैलकुलेशन के हिसाब से 14-15 लाख ही बनता। लेकिन इसको 23 लाख रुपए मिला है।

इन सारे दावों की सच्चाई अब सामने आ चुकी है। यानी पुराने बेसिक-डीए के अनुसार जो राशि बन रही है, वही दी जा रही है। बता दें कि 30 साल से कम सर्विस होने पर महीने का 15 दिन के डीए-बेसिक पर ग्रेच्युटी मिलता है। 30 साल से अधिक की नौकरी पर हर साल का एक माह का ग्रेच्युटी मिलने लगता है।