बोनस मीटिंग पर हाईकोर्ट की रोक, 8 घंटे इंतजार के बाद Coal India ने बुलाई आपात बैठक, खाते में एडवांस डालने की तैयारी

High Court Stays Bonus Meeting, Coal India Calls Emergency Meeting after 8 hours of Waiting, Prepares to Deposit Advance in Account
  • 8 घंटे तक इंतजार करने के बाद कोल इंडिया प्रबंधन ने दिल्ली पहुंचे यूनियन नेताओं संग एक आपात बैठक शुरू कर दी है।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कोल इंडिया के कर्मचारियों का बोनस तय करने के लिए सोमवार को दिल्ली में सुबह 10 बजे से मीटिंग होनी थी। लेकिन, कोलकाता हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक मीटिंग पर रोक लगा दिया है। ऐसे हालात में कर्मचारियों का बोनस तय नहीं हो सका। इसलिए 8 घंटे तक इंतजार करने के बाद कोल इंडिया प्रबंधन ने दिल्ली पहुंचे यूनियन नेताओं संग एक आपात बैठक शुरू कर दी। लेकिन, आम सहमति नहीं बन सकी। इसलिए कोल इंडिया प्रबंधन ने कोर्ट के अगले आदेश तक सभी बैठकों को कैंसिल कर दिया है। बताया जा रहा है कि कोल इंडिया प्रबंधन पिछली बार मिली राशि से आधी राशि इस बार खाते में डालने का प्रस्ताव लाया था, जिसे यूनियनों ने खारिज कर दिया है।

संभावना जताई जा रही थी कि इस बैठक में एक राशि तय की जाएगी, जो एडवांस के रूप में कर्मचारियों के खाते में डाल दी जाएगी, ताकि कर्मी दुर्गा पूजा और दहशरा हंसी-खुशी मना सकें। लेकिन, सारी संभावनाओं पर फिलहाल, विराम लग गया है। अब मंत्रालय की ओर से सबकी नजर टिकी है। मंत्री की दखल के बाद संभव है कि एडवांस को लेकर कोई फैसला हो जाए।

इधर-इंटक नेताओं के मुताबिक कोलकाता हाईकोर्ट के सिंगल बेंच के मानकीकरण समिति की बैठने में (इंटक) राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के आदेश को डबल बेंच ने बरकरार रखा है।

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इस मामले में राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन को सिंगल बेंच की ओर से पहले ही बैठने का आदेश दिया गया था। सिंगल बेंच के आदेश के विरोध कोल इंडिया डबल बेंच में याचिका दायर की थी।

डबल बेंच ने इस आदेश को बरकरार रखते हुए कोयला कर्मियों के बोनस मुद्दे को लेकर होने वाली सोमवार को दिल्ली की बैठक को स्थगित करने का आदेश दिया है।

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अगले आदेश तक‌ मानकीकरण समिति बैठक स्थगित रहेगी। इंटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व जेबीसीसीआई नेता अनूप सिंह ने कहा कि यह बड़ी जीत है। मजदूरों को हक हम दिलाएंगे और बेहतर हक दिलाएंगे।

कोल इंडिया की दोहरी नीति दिख रही है। जिसका नतीजा श्रमिकों को झेलना पड़ रहा है। मजदूर अपना हक लेंगे। इंटक हर लड़ाई में साथ है। इस फैसले के बाद इंटक समर्थकों में काफी खुशी की लहर है।