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और कितनों की मौत चाहता है बीएसपी प्रबंधन, कल आपका-परसों मेरा भी नंबर आ सकता है साहब…

और कितनों की मौत चाहता है बीएसपी प्रबंधन, कल आपका-परसों मेरा भी नंबर आ सकता है साहब…
  • पुलिस सीमा विवाद में फंसी रही। घटनास्थल नेवई थाना क्षेत्र में पड़ता है। इसलिए कोतवाली पुलिस पीछे हट गई।

अज़मत अली, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के सीएचएम (CHM) के कर्मचारी की मौत ने प्रबंधन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। ड्यूटी के बाद मोहम्मद सिद्दीक मरौदा स्थित अपने आवास जा रहे थे, रास्ते में जवाहर उद्यान के पास किसी वाहन ने ठोकर मार दिया। मौके पर गिरे, कंधा टूटा, ब्रेन में मल्टीपल इंज्युरी हुई और सेक्टर-9 हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया।

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सांस तो रुक गई, लेकिन लगातार इसी प्वाइंट पर हो रहे हादसे ने बीएसपी कर्मचारियों की धड़कन को बढ़ा दिया है। नगर सेवाएं विभाग से लगातार यहां डिवाइडर बनाने की मांग हर स्तर पर होती रही, लेकिन साहब…के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। एसी दफ्तर में बैठने वाले इस पीड़ा को नहीं समझ पा रहे हैं।

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अपने साथी को खोने का दर्द सेक्टर-9 हॉस्पिटल में झलक उठा। मरहूम सिद्दीक को सेक्टर-9 हॉस्पिटल पहुंचाने वाले सीटू (CITU) के सेक्रेटरी (Secretary ) व जल प्रबंधन विभाग में कार्यरत अजय कुमार सोनी (Ajay Kumar Soni) बिलख उठे। मौत की खबर मिलते ही विभागीय अधिकारी सेक्टर-9 हॉस्पिटल पहुंचे थे।

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अजय सोनी ने सीएचएम के विभाग प्रमुख व मौजूद अधिकारियों के सामने हाथ जोड़कर कहा-साहब…कब तक कितनों की जान इस तरह जाती रहेगी। कब तक हम लोग लाश उठाते रहेंगे। आप लोग मदद कीजिए। उच्च प्रबंधन की आंख खुलवाइए। कई बार बोरिया गेट से लेकर चोपड़ा पेट्रोल पंप तक डिवाइडर की मांग की जा चुकी है, लेकिन प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है।

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पिछले 4 साल में चार लोगों को मैं खुद इसी प्वाइंट से घायलों को अस्पताल पहुंचा चुका हूं। कितने लोगों को अस्पताल भेजवाएगा प्रबंधन। डिवाइडर क्यों नहीं बनवा रहा है। इसी रास्ते से डायरेक्टर इंचार्ज, ईडी, सीजीएम, जीएम की गाड़ियां भी रफ्तार में निकलती है। कर्मचारी-अधिकारी और ठेका मजदूर भी यहीं से गुजरते हैं।

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चौड़ी सड़क होने की वजह से गाड़ियों की रफ्तार कुछ अधिक होती है, जिसके चलते अक्सर यहीं हादसे होते हैं। हादसे की चपेट में सिद्दीक की जान गई। साहब…आप लोग उच्च प्रबंधन को जगाइए। कल आपका भी नंबर आ सकता है और परसों मेरा भी…। समय रहते बचा लीजिए।

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अजय सोनी के मुताबिक सेक्टर-5 के सड़क 29 में रहने वाले एक पूर्व बीएसपी कर्मचारी आज भी हादसे को याद कर धर्रा जाते हैं। जवाहर उद्यान रोड पर वह हादसे में जख्मी हुए थे, जिन्हें अजय ने सेक्टर-9 हॉस्पिटल पहुंचाया था। मौत को मात देकर पूर्व कर्मी परिवार के साथ रह रहा है। इसी तरह एक महिला ठेका मजदूर को एक कार ने यहीं उड़ा दिया था। उसे भी सेक्टर-9 हॉस्पिटल पहुंचाया था।

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इधर-मोहम्मद सिद्दीक की मौत की खबर पर कोतवाली पुलिस सेक्टर-9 हॉस्पिटल पहुंची। पुलिस सीमा विवाद में फंसी रही। बतौर गवाह अजय सोनी को साथ लेकर पुलिस कर्मी घटनास्थल पर पहुंची। जेपी सीमेंट चौक से कुछ दूरी पर पंप हाउस मार्ग है, इसी के पास पान ठेला के सामने हादसा हुआ था।
यह एरिया नेवई थाना क्षेत्र में पड़ता है। इसलिए कोतवाली पुलिस पीछे हट गई और अजय व परिवार वालों को सलाह दी गई कि आप लोग नेवई थाना चले जाइए। वैसे, कोतवाली से फाइल नेवई थाना भेज दी जाएगी।

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