सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। मजदूरों-किसानों ने पीएम नरेंद्र मोदी और अडानी को ललकारा। सीटू, अखिल भारतीय किसान सभा एवं अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा के संयुक्त आह्वान पर केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी एवं किसान विरोधी नीतियों को वापस लेने की मांग को लेकर देशभर से लाखों मजदूर किसान खेत मजदूर दिल्ली में जुटे थे।
श्रमिक नेताओं ने कहा कि मोदी एवं अडानी की गठजोड़ वाली मोदानी सरकार को ललकारा गया है। देश के उत्पादन की दो शक्तियां मजदूर एवं किसान हैं, जिसके खिलाफ केंद्र सरकार लगातार नीतियां बना रही है, जिसे वापस करवाने के लिए यह संघर्ष है, जो जन विरोधी नीतियों के वापस लेने के साथ तक जारी रहेगा।
केंद्र सरकार को बदलना ही एकमात्र विकल्प, क्योंकि सुधारना अब संभव नहीं
अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले ने कहा कि जलियांवाला बाग में जनरल डायर के द्वारा किए गए हत्याकांड के बाद महात्मा गांधी ने कहा था कि ब्रिटिश सरकार को सुधारा नहीं जा सकता। इसे खत्म करना होगा। आज देश के अंदर केंद्र सरकार जो अराजकता की स्थिति पैदा कर दी है। वह देश के लिए अच्छा नहीं है। इसीलिए केंद्र सरकार को सुधारना संभव नहीं है, इसे बदलना ही एकमात्र विकल्प है।
केंद्र सरकार करे यह तीन काम
वामपंथी नेताओं ने कहा कि अच्छे दिन का ख्वाब दिखाकर केंद्र में सत्तासीन हुई भाजपा नित मोदी सरकार आजाद भारत का सबसे खराब दिन दिखा रहा है। और उन सब कामों को अंजाम दे रहा है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक ताना-बाना सब तेजी से बिगड़ रहा है। उदाहरण के लिए तीनों कृषि कानून एवं बिजली बिल कानून 2021 नई शिक्षा नीति 2020 चारों श्रम सहिताएं ऐसे कानून है, जिसके लागू होते ही देश का मेहनतकश गुलामी की ओर धकेल दिया जाएगा।