- भारत में आप इस दिन को खास बनाना चाहते हैं तो इन तीनों स्थानों में से किसी एक को चुन सकते हैं। यात्रा का प्लान बना सकते हैं।
अज़मत अली, भिलाई। 15 अगस्त। भारत की आजादी का जश्न। इसी दिन 1947 को भारत आजाद हुआ, जिसका जश्न आज भी भारतीय मनाते हैं। देश हो या विदेश हर जगह इसकी झलक देखने को मिलती है। भारत में आप इस दिन को खास बनाना चाहते हैं तो तीन ऐसे स्थान के बारे में आपको बताया जा रहा है, जो वीरता और आजादी की यादों में आपको खोने को विवश कर देगा।
ये तीनों स्थान ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हैं और भारत के स्वतंत्रता संग्राम और इसकी वीरतापूर्ण रक्षा की झलक दिखाते हैं। प्रत्येक स्थान एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है, जो भारत की समृद्ध विरासत के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है।
Attari-Wagah Border: अटारी-वाघा बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच पंजाब के अमृतसर के पास स्थित है। यह दुनिया का इकलौता बॉर्डर है, जहां दो देशों की सेना हर दिन खास आयोजन करती है। भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ / BSF) और पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा हर शाम “बीटिंग रिट्रीट” समारोह मनाया जाता है।
यह समारोह सूर्यास्त से पहले होता है और देशभक्तिपूर्ण प्रदर्शन और झंडे उतारे जाने का गवाह बनने के लिए दोनों देशों से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। अटारी बार्डर का प्लान आप करते हैं तो दो अन्य स्थान भी देखने को मिल जाएंगे। अमृतसर स्वर्ण मंदिर और जलियावाला बाग। शहीदों की निशानी आज भी यहां जिंदा है।
Longewala Border: लोंगेवाला बॉर्डर भारत-पाकिस्तान सीमा के पास राजस्थान के थार रेगिस्तान में स्थित है। यह 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लोंगेवाला की लड़ाई के लिए प्रसिद्ध है। सीमा पर तैनात बहादुर भारतीय सैनिकों ने बहुत बड़ी पाकिस्तानी सेना के खिलाफ सफलतापूर्वक बचाव किया, जिससे यह वीरता और देशभक्ति का प्रतीक बन गया।
पाकिस्तान के रेंजर्स ने गोलाबारी की थी, जो तनौत माता मंदिर पर भी गिरा, लेकिन फटा नहीं था। आज भी गोले और उस वक्त की निशानी यहां मौजूद है। वार म्यूजियम भी है। पाकिस्तान टैंक बीच सड़क यहां देखने को मिल जाएगा।
भारत और पाकिस्तान की सीमा पर एक टॉवर बनाया गया है, जहां पर्यटक आसानी से पाकिस्तान और भारत के सैनिकों की गतिविधियों को देख सकते हैं। आपको बता दें कि सनी देयोल की फिल्म बॉर्डर में इसी सरहद का जिक्र किया गया है।
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Sabarmati Ashram: साबरमती आश्रम गुजरात के अहमदाबाद में स्थित है। यह बहुत ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का निवास स्थान था।
आश्रम ने भारत की स्वतंत्रता के अहिंसक आंदोलन के केंद्र के रूप में कार्य किया। आज, यह गांधीजी की यादों को संजोए संग्रहालय और स्मारक है, जो उनके व्यक्तिगत सामानों को संरक्षित करता है और उनके अहिंसा के दर्शन को प्रदर्शित करता है।