हड़ताल करने वाले कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने से तिलमिलाया संयुक्त यूनियन, BSP को ये धमकी

Joint union angry over stopping promotion of striking employees, strategy made against BSP management
प्रमोशन रोकने को लेकर हुई बैठक। बीएसपी प्रबंधन तानाशाही पर उतर आया है। आने वाले दिनों में तानाशाही के गंभीर परिणाम होंगे।
  • यूनियन ने कहा-हड़ताल की सफलता को देखते हुए भिलाई के शीर्ष अधिकारी तिलमिला उठे हैं।
  • बीएसपी प्रबंधन की तानाशाही का संयुक्त यूनियन हर स्तर पर करेगा विरोध।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 28 अक्टूबर की हड़ताल में शामिल भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के कर्मचारियों का प्रमोशन रोके जाने को लेकर संयुक्त ट्रेड यूनियन (Joint Trade Union) भी भड़क गया है। यूनियन ने कहा कि प्रबंधन तानाशाही तरीके से बदले की कार्रवाई कर रहा है। आने वाले दिनों में इसके गंभीर परिणाम होंगे।

ये खबर भी पढ़ें: पूर्व PM मनमोहन सिंह के निधन के शोक में SAIL BSL, 29 को हैप्पी स्ट्रीट कार्यक्रम कैंसिल, अब 5 जनवरी को

संयुक्त ट्रेड यूनियन प्रबंधन (Joint Trade Union Management) से इसका कड़ा विरोध तो करेगा ही। साथ ही राज्य स्तरीय, केंद्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय फोरम पर भिलाई प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलेगा।

ये खबर भी पढ़ें: बोकारो स्टील प्लांट में एक्सीडेंट: हाइवा ने बाइक सवार कर्मचारी को कुचला

संयुक्त यूनियन की बैठक में संयोजक वंश बहादुर सिंह ने बताया कि 31 दिसंबर को भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में कर्मचारियों को प्रमोशन ऑर्डर दिया गया। इसमें बहुत से कर्मचारियों का प्रमोशन 28 अक्टूबर की हड़ताल में शामिल होने के कारण रोक दिया गया है। विभाग प्रमुख एवं पर्सनल के अधिकारियों ने कहा कि उच्च प्रबंधन से मौखिक आदेश मिलने के कारण हमने प्रमोशन रोका है।

ये खबर भी पढ़ें: Suchnaji.com की खबर का असर: हुडको पहुंचा भिलाई नगर निगम, कब्जेदार दुकान बंदकर भागा, निगम ने जब्त किया सामान

प्रबंधन की तानाशाही को लेकर इंटक, बीएमएस, एचएमएस, एटक, सीटू, एक्टू, लोईमू, एवं स्टील वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक हुई। संयुक्त यूनियन ने कहा कि 28 अक्टूबर की हड़ताल पूरी तरह वैध थी। कर्मचारी अपनी जायज मांगों को लेकर हड़ताल किए। अपनी जायज मांगों को लेकर हड़ताल करना कर्मचारियों का कानूनी अधिकार है।
भिलाई की संयुक्त ट्रेड यूनियन के समझदारी एवं परिपक्व लीडरशिप के कारण भिलाई में हड़ताल के दिन किसी भी तरह की हिंसात्मक कार्रवाई नहीं हुई। हड़ताल पूरी तरह से शांतिपूर्ण रही। उसके बाद भी प्रबंधन द्वारा शुरू किए गए इस दमनकारी नीति से भिलाई में औद्योगिक अशांति निर्मित होगी।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL BSL: मिडिल और हाई स्कूल विज्ञान शिक्षकों की व्यावसायिक क्षमता निर्माण के लिए जॉय ऑफ लर्निंग फाउंडेशन के साथ MOA

तानाशाही के खिलाफ कड़े कदम उठाएगी संयुक्त यूनियन

बैठक में संयुक्त यूनियन ने यह निर्णय लिया कि जल्दी भिलाई प्रबंधन से मुलाकात कर इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। इन कर्मचारियों को तुरंत प्रमोशन देने की मांग की जाएगी। प्रबंधन द्वारा मांगे नहीं माने जाने पर धरना प्रदर्शन के साथ ही राज्य स्तरीय, केंद्र स्तरीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के जितने भी फोरम होते हैं, उन सभी जगह पर भिलाई प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।

ये खबर भी पढ़ें: Breaking News: CITU से अलग हुआ हिन्दुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन, सहयोग मिलने का आरोप,  लौटाई संबद्धता

भिलाई की कार्य संस्कृति को़ बिगाड़ रहे हैं उच्च अधिकारी

यूनियन नेताओं ने कहा-भिलाई इस्पात संयंत्र सेल की ध्वजवाहक इकाई रहा है। यहां की कार्य संस्कृति की पूरे सेल में सराहना होती है। लेकिन पिछले कुछ सालों से यहां पर शीर्ष स्तर पर स्थापित अधिकारी सेल प्रबंधन के समक्ष वहवाही लूटने के लिए भिलाई के कार्य संस्कृति को बिगाड़ रहे हैं।

ये खबर भी पढ़ें: Bhilai Township: 4 जनवरी तक साढ़े 3 घंटे बिजली कटौती, आया शेड्यूल

28 अक्टूबर को भिलाई की संयुक्त ट्रेड यूनियन ने शांतिपूर्ण तरीके से हड़ताल किया। हड़ताल की सफलता को देखते हुए भिलाई के शीर्ष अधिकारी तिलमिला उठे हैं। यही कारण है कि वे तानाशाही पर उतर आए हैं। लेकिन उन्हें नहीं मालूम है की आने वाले दिनों में उनकी इस तानाशाही के गंभीर परिणाम होंगे।

ये खबर भी पढ़ें: NMDC का पीआरएसआई राष्ट्रीय पुरस्कारों में शानदार प्रदर्शन, अनुसंधान, विकास, सीएसआर और कॉर्पोरेट संचार में मिले 6 पुरस्कार