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- यूनियन ने कहा-हड़ताल की सफलता को देखते हुए भिलाई के शीर्ष अधिकारी तिलमिला उठे हैं।
- बीएसपी प्रबंधन की तानाशाही का संयुक्त यूनियन हर स्तर पर करेगा विरोध।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 28 अक्टूबर की हड़ताल में शामिल भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के कर्मचारियों का प्रमोशन रोके जाने को लेकर संयुक्त ट्रेड यूनियन (Joint Trade Union) भी भड़क गया है। यूनियन ने कहा कि प्रबंधन तानाशाही तरीके से बदले की कार्रवाई कर रहा है। आने वाले दिनों में इसके गंभीर परिणाम होंगे।
संयुक्त ट्रेड यूनियन प्रबंधन (Joint Trade Union Management) से इसका कड़ा विरोध तो करेगा ही। साथ ही राज्य स्तरीय, केंद्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय फोरम पर भिलाई प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलेगा।
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संयुक्त यूनियन की बैठक में संयोजक वंश बहादुर सिंह ने बताया कि 31 दिसंबर को भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में कर्मचारियों को प्रमोशन ऑर्डर दिया गया। इसमें बहुत से कर्मचारियों का प्रमोशन 28 अक्टूबर की हड़ताल में शामिल होने के कारण रोक दिया गया है। विभाग प्रमुख एवं पर्सनल के अधिकारियों ने कहा कि उच्च प्रबंधन से मौखिक आदेश मिलने के कारण हमने प्रमोशन रोका है।
प्रबंधन की तानाशाही को लेकर इंटक, बीएमएस, एचएमएस, एटक, सीटू, एक्टू, लोईमू, एवं स्टील वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों की बैठक हुई। संयुक्त यूनियन ने कहा कि 28 अक्टूबर की हड़ताल पूरी तरह वैध थी। कर्मचारी अपनी जायज मांगों को लेकर हड़ताल किए। अपनी जायज मांगों को लेकर हड़ताल करना कर्मचारियों का कानूनी अधिकार है।
भिलाई की संयुक्त ट्रेड यूनियन के समझदारी एवं परिपक्व लीडरशिप के कारण भिलाई में हड़ताल के दिन किसी भी तरह की हिंसात्मक कार्रवाई नहीं हुई। हड़ताल पूरी तरह से शांतिपूर्ण रही। उसके बाद भी प्रबंधन द्वारा शुरू किए गए इस दमनकारी नीति से भिलाई में औद्योगिक अशांति निर्मित होगी।
तानाशाही के खिलाफ कड़े कदम उठाएगी संयुक्त यूनियन
बैठक में संयुक्त यूनियन ने यह निर्णय लिया कि जल्दी भिलाई प्रबंधन से मुलाकात कर इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। इन कर्मचारियों को तुरंत प्रमोशन देने की मांग की जाएगी। प्रबंधन द्वारा मांगे नहीं माने जाने पर धरना प्रदर्शन के साथ ही राज्य स्तरीय, केंद्र स्तरीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के जितने भी फोरम होते हैं, उन सभी जगह पर भिलाई प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।
भिलाई की कार्य संस्कृति को़ बिगाड़ रहे हैं उच्च अधिकारी
यूनियन नेताओं ने कहा-भिलाई इस्पात संयंत्र सेल की ध्वजवाहक इकाई रहा है। यहां की कार्य संस्कृति की पूरे सेल में सराहना होती है। लेकिन पिछले कुछ सालों से यहां पर शीर्ष स्तर पर स्थापित अधिकारी सेल प्रबंधन के समक्ष वहवाही लूटने के लिए भिलाई के कार्य संस्कृति को बिगाड़ रहे हैं।
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28 अक्टूबर को भिलाई की संयुक्त ट्रेड यूनियन ने शांतिपूर्ण तरीके से हड़ताल किया। हड़ताल की सफलता को देखते हुए भिलाई के शीर्ष अधिकारी तिलमिला उठे हैं। यही कारण है कि वे तानाशाही पर उतर आए हैं। लेकिन उन्हें नहीं मालूम है की आने वाले दिनों में उनकी इस तानाशाही के गंभीर परिणाम होंगे।