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‘जय जवान, जय किसान’ का नारा किसने और क्यों दिया था, जानें

‘जय जवान, जय किसान’ का नारा किसने और क्यों दिया था, जानें
  • – पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर विशेष
  • – शास्त्री पहले व्यक्ति थे जिन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजा गया था।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। आज यानी दो अक्टूबर को हर साल लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई जाती है। वे भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री (PM) रह चुके है। उनकी जयंती विशेष पर उनसे जुड़ी जानकारियों पर @Suchnaji.com News पर बात की जाएगी। आइए जानें…

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आज दो अक्टूबर को देश के पूर्व प्रधानमंत्री (PM) लाल बहादुर शास्त्री (Former Prime Minister (PM) Lal Bahadur Shastri) की जयंती मना रहा है। लाल बहादुर शास्त्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद बनने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे। इनको अपनी सादगी, विनम्रता और ईमानदारी के लिए जाना जाता है। यह महात्मा गांधी की राजनीतिक शिक्षाओं से अत्यंत प्रभावित थे।

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-जानें कौन थे लाल बहादुर शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दो अक्टूबर 1904 को उत्तरप्रदेश के वाराणसी में हुआ था। महात्मा गांधी के आह्वान पर वह असहयोग आंदोलन में शामिल हुए और कुछ समय (1921) के लिए जेल में भी रहे। बाद में इन्होंने काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय (अब महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तरप्रदेश) में अध्ययन किया, जहां इन्होंने शास्त्री की उपाधि से स्नातक की डिग्री हासिल की।

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हम आपको बता दें कि इन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान प्रसिद्ध ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था। यह नौ जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। यह देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिनका निधन भारत से बाहर (ताशकंद, उज्बेकिस्तान) में हुआ था। इनको 1966 में ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। मरणोपरांत इस पुरस्कार को पाने वाले वे पहले व्यक्ति थे। 11 जनवरी 1966 को लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया। इनका विश्राम स्थल नई दिल्ली में स्थित है, जिसे ‘विजय घाट’ के नाम से जाना जाता है।

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