Bhilai की सियासी बिसात पर लीजधारी मोहरे, कांग्रेस-भाजपा का वोट बैंक सधा या बंटा, कहीं खुशी-कहीं गम

  • मुख्यमंत्री के भिलाई आगमन पर भेंट मुलाकात कार्यक्रम में लीज के पंजीयन के संबंध में विधायक देवेंद्र यादव व मेयर ने मुद्दा उठाया था। सीएम ने उक्त समस्या के समाधान के लिए पहल की। बीएसपी के डीआईसी अनिर्बानदास गुप्ता को निर्देशित किया था।

अज़मत अली, भिलाई। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले सियासत ने यू-टर्न ले लिया है। भिलाई व आसपास की सीटों का गुणा-गणित बनने और बिगड़ने का हिसाब लगाया जा रहा है। सेल हाउस लीज रजिस्ट्री से जहां एक वर्ग काफी उत्साहित है, वहीं दूसरा डैमेज कंट्रोल करने में जुटा हुआ है।

पक्ष-विपक्ष की बात की जाए तो सियासी बिसात पर फिलहाल, लीजधारी मोहरे बने हुए हैं। किसको जीत दिलाएंगे और किसको मात देंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। मौजूदा हालात को देखते हुए यही लग रहा है कि करीब 20 हजार से अधिक वोटरों पर एकतरफा पकड़ का दावा मजबूत हो रहा है। इसी वोट बैंक में सेंधमारी के लिए प्रयास भी शुरू हो गए हैं।

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भिलाईनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के देवेंद्र यादव विधायक हैं। चुनाव से पहले लीज को रजिस्ट्री तक पहुंचाने में देवेंद्र यादव का सीधा हाथ है। सीएम भूपेश बघेल के जरिए 4500 लीजधारियों के घरों तक पहुंच को मजबूत कर लिया है। लीज रजिस्ट्री होने के बाद मुख्यमंत्री से सबकी मुलाकात कराई जाएगी। रायपुर में सीएम लीजधारियों से मिलेंगे। कहीं न कहीं यह सियासी तीर बड़ा निशाना लगाएगा।

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वहीं, भाजपा का खेमा कांग्रेस की इस चाल को विफल करने के लिए घेराबंदी में जुट गया है। सवालों की बौछार की जा रही है। लीजधारियों को गुमराह करने का आरोप लगाया जा रहा है। भिलाई के पूर्व विधायक प्रेम प्रकाश पांडेय कांवर यात्रा लेकर बाबा धाम पहुंचे हुए हैं। इनकी गैर मौजूदगी में भाजपा के स्थानीय नेता व पार्षद अब मोर्चा संभाल रहे हैं। शनिवार तक पांडेय जी के लौटने के बाद इस मामले में नया मोड़ आने का दावा किया जा रहा है।

इधर-महापौर नीरज पाल का कहना है कि 2002 में बीएसपी ने कर्मचारी व भूतपूर्व कर्मचारियों के लिए बीएसपी के आवास को 30 वर्षीय लीज पर प्रदान किया था। उस वक्त बीएसपी द्वारा लीज एग्रीमेंट किया था। लीज डीड की रजिस्ट्री नहीं की गई थी।

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इस संबंध में लीजधारकों द्वारा काफी प्रयास किया गया। लेकिन उस समय के पदासीन राजनेताओं और अधिकारियों द्वारा समूचित प्रयास नही किया गया। इसलिए मामला वहीं का वहीं अटका रहा। इसलिए लीज धारकों द्वारा इस समस्या के संबंध में वर्तमान विधायक देवेंद्र यादव और मुझसे बातचीत शुरू हुई थी।

इस संबंध में भिलाई में अप्रैल माह में मुख्यमंत्री के भिलाई आगमन पर भेंट मुलाकात कार्यक्रम में लीज के पंजीयन के संबंध में समस्या को प्रस्तुत किया गया। तब सीएम ने उक्त समस्या के समाधान के लिए पहल की। बीएसपी के डीआईसी अनिर्बानदास गुप्ता को निर्देशित किया था।

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राज्य शासन की ओर से कलेक्टर को बीएसपी को लीज की कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। मुख्यमंत्री के आदेशानुसार विधायक देवेंद्र यादव और महापौर नीरज पाल लगातार बीएसपी एवं कलेक्टर दुर्ग एवं कमीश्नर नगर निगम के साथ बैठकें की गई। लीज पंजीयन के लिए बीएसपी को सहमति मिलने पर बीएसपी प्रबंधन द्वारा लीज पंजीयन के संबंध में सभी 4500 आवासधारकों को प्रपत्र जारी किया गया।

विधायक व महापौर द्वारा कलेक्टर दुर्ग, नगर निगम आयुक्त, जिला पंजीयक, अनुविभागीय अधिकारी के साथ कई दौर की बैठकें करने के पश्चात राज्य शासन की ओर से सारी बिंदुओं पर सख्ती से फैसला किया गया। जिसके आधार पर बीएसपी के लीज आवास धारकों का आवास के पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है।