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वामपंथी पार्टियों व सीटू ने खोला पत्ता, कहा-भाजपा को परास्त करो, कांग्रेस को वोट दो

वामपंथी पार्टियों व सीटू ने खोला पत्ता, कहा-भाजपा को परास्त करो, कांग्रेस को वोट दो

– सीटू नेता ने कहा कि निजीकरण,आउट सोर्सिंग के खिलाफ सभी सार्वजनिक उपक्रम के कर्मी लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। दुर्ग जिले में कार्यरत वामपंथी पार्टियों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) लिबरेशन ने अपना पत्ता खोल दिया है। संयुक्त बैठक विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संपन्न हुई।

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चर्चा पश्चात सर्वसम्मति से दुर्ग जिला के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों के मेहनतकश जनता से अपील किया गया कि देश में जन विरोधी नीतियों को लागू करने के साथ-साथ आम जनमानस के अंदर नफरत पैदा करने वाली भाजपा को परास्त करते हुए कांग्रेस के प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करें।

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9 साल में महंगाई पर नियंत्रण नहीं कर पाई भाजपा

हिंदुस्तान स्टील इम्प्लाइज यूनियन (Hindustan Steel Employees Union), भिलाई (सीटू) का रुख तय करने मंगलवार को बैठक हुई। कार्यकारिणी बैठक में संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच (भिलाई) के अन्य घटकों की तरह कांग्रेस को जिताने का आह्वान करने का निर्णय लिया गया है। यूनियन के अध्यक्ष विजय कुमार जांगडे ने कहा-39 महीने के एरियर्स मिलने में सबसे बड़ी बाधा केंद्र सरकार की शर्तें हैं।

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सीटू नेता ने कहा कि लगभग 7 वर्षों से लंबित इस्पात कर्मियों के वेतन समझौता में सबसे बड़ी बाधा प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण हेतु जारी दिशानिर्देश है, जिसके अनुसार घाटे के वर्षों के लिए कर्मचारियों को किसी भी तरह की वेतन वृद्धि या अन्य वित्तीय लाभ नहीं दिया जा सकता।

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– इस्पात मंत्रालय के मंजूरी से प्रबंधन ने किया इस्पात कर्मियों के ग्रेच्युटी में कटौती
सीटू नेता ने कहा कि पूरे भारत में वेतन एनजेसीएस समझौते के माध्यम से सेल कर्मचारियों को मिल रहे। असीमित ग्रेच्युटी को सेल प्रबंधन ने 26 नवंबर 2021 को इस्पात मंत्रालय की मंजूरी से सीलिंग कर दिया है।

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– सार्वजनिक उपक्रमों को विध्वंस करने केन्द्र सरकार ने बनाई नई सार्वजनिक उपक्रम नीति
सीटू नेता ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 4 फरवरी 2021 को अधिसूचित की गई नई “सार्वजनिक उपक्रम नीति” के अनुसार आणविक ऊर्जा, अंतरिक्ष एवं प्रतिरक्षा, यातायात एवं दूरसंचार, पावर पेट्रोलियम, कोल एवं अन्य खनिज तथा बैंक,बीमा एवं वित्तीय सेवाएं के उद्योगों को छोड़कर, इस्पात उद्योग सहित सभी केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को गैर रणनीतिक क्षेत्र में रखा गया है।

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रणनीतिक क्षेत्र के कुछ उद्योगों को छोड़ कर अन्य सभी रणनीतिक तथा गैर रणनीतिक क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों का निश्चित समय अवधि के अंदर निजीकरण, विलय या अन्य केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम का सब्सिडरी कम्पनी बनाना है या बंद करना है। केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों को दिशा निर्देश दिया है कि निश्चित समयावधि में सरकार की उक्त नीति का पालन करने में असफल रहने वाले मुख्य कार्यपालक अधिकारियों को हटा दिया जाना है।

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– निजीकरण और आउट सोर्सिंग से जूझ रहे हैं सभी सार्वजनिक उपक्रम के कर्मी
सीटू नेता ने कहा कि निजीकरण,आउट सोर्सिंग के खिलाफ सभी सार्वजनिक उपक्रम के कर्मी लगातार संघर्ष कर रहे हैं। वाईज़ाग के कर्मचारी वहाँ के जनता के साथ मिलकर पिछले 1000 से अधिक दिनों से अपने संयंत्र को निजीकरण से बचाने के लिए संघर्ष कर रहे है। भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सेल के अन्य इकाईयों के कर्मी भी आउट सोर्सिंग और निजीकरण के खिलाफ आए दिन संघर्ष कर रहे हैं।

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