सुपेला वाई शेप अंडरब्रिज की राह में आए 100 साल पुराने पीपल के 3 पेड़ कटे नहीं, बड़ेतरिया कुम्हारी और सुपेला गोठान में शिफ्ट

  • सुपेला ब्रिज- भिलाई छत्तीसगढ़ का गौरव। सुपेला अंडर ब्रिज आकर्षक चित्रकारी से सुसज्जित।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सुपेला वाई शेप अंडरब्रिज (Supela Y Shape Underbridge) की सौगात भिलाईवासियों को मिल चुकी है। यातायात जाम की समस्या का समाधान हो गया है। टाउनशिप से पटरी जाने वालों को अब कम समय में दूरी तय करने का मौका मिल गया है। सुपेला अंडर ब्रिज- भिलाई छत्तीसगढ़ के गौरव की गाथा भी बयां कर रही है। सुपेला अंडर ब्रिज आकर्षक चित्रकारी से सुसज्जित है।

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दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर रेल मंडल (South East Central Railway Raipur Railway Division) के हावड़ा मुंबई में लाइन पर भिलाई पावर हाउस और भिलाई नगर सेक्शन में समपार फाटक क्रमांक 442 सुपेला गेट पर बॉक्स पुशिंग मेथड द्वारा सुपेला रोड अंडर ब्रिज का निर्माण किया गया है।

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इस ब्रिज अंडर ब्रिज के निर्माण में अनेकों चुनौतियों का सामना करते हुए इस ब्रिज को निर्मित किया गया है यह ब्रिज लगभग 32 करोड़ की लागत से बनाया गया वाय शेप ब्रिज हैं। यह ब्रिज साइज में बड़ा है साथ ही 3 पॉइंट्स को जोड़ता है।

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यह ब्रिज बड़ा होने के साथ बहुत ही आकर्षक पेंटिंग से सुसज्जित किया गया है अंडर ब्रिज से पानी निकालने के लिए 2 X 20 एचपी सबमर्सिबल पंप जो कि डेढ़ लाख लीटर प्रति घंटे की क्षमता से पानी भर फेक सकेगा। इस अंडर ब्रिज में पर्याप्त रोशनी हेतु 80 वॉट और 100 वाट अंडर रूफ लाइट्स लगाई गई है। सुपेला अंडर ब्रिज बनने से भिलाई दुर्ग आने जाने वाले यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग साबित होगा यातायात सुचारू रूप से संचालित होगा ।

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बड़ेतरिया कुम्हारी, सुपेला गोठान में 3 पेड़ शिफ्ट

पीडब्ल्यूडी, भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel plant) के सहयोग से सबको साथ चलने की पहल पर कार्य कर रहा। रायपुर रेल मंडल सुपेला अंडर ब्रिज की एक खास विशेषता यह है कि इस अंडर ब्रिज के निर्माण के समय तीन पीपल के बड़े वृक्षों को जो लगभग 90 से 100 साल पुराने पीपल वृक्ष थे, उन्हें सुपेला अंडर ब्रिज के मार्ग से विस्थापित कर बड़ेतरिया, कुम्हारी गोठान, सुपेला में स्थापित किया गया।

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नेहा बांसोड़ की भूमिका सराहनीय

इस कार्य हेतु वृक्षों के संरक्षण में कार्यरत संस्था की सीईओ फाउंडर मेंबर मिस नेहा बांसोड़ की भूमिका सराहनीय रही। इन वृक्षों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में इस संस्था की महत्वपूर्ण भूमिका रही एवं यही संस्था इन वृक्षों की भी देखभाल कर रही है।

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जानिए नेहा बंसोड़ कौन हैं…

1.नेहा बंसोड़ ने मास्टर डिग्री वानिकी और वन्य जीवन (Masters in forestry and wildlife) में की है।

2. NALSAR से पशु संरक्षण कानून में स्नातकोत्तर डिप्लोमा (Post graduation diploma in Animal protection law from NALSAR)

3. आर्बोरीकल्चर या ट्री सर्जन में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा (Post gradution diploma in Arboriculture or tree surgeon) किया है।

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ट्री कंजर्वेशन ट्री प्रोटेक्शन

पिछले तीन सालों से काम कर रही नेहा बंसोड़ पर्यावरण संरक्षण के लिए जिसमें स्पेशली ट्री कंजर्वेशन ट्री प्रोटेक्शन के लिए काम करती हैं। आज तक 400 से ऊपर वृक्षों का संरक्षण किया है। सबसे बड़ा वृक्ष,जिसकी आयु लगभग 200 वर्ष की है, उसे रायपुर में शिफ्ट किया है और रेलवे में तिल्दा , बिल्हा ,सरोना , मरोदा, दल्ली राजहरा, बालोद और भिलाई नगर में कार्य किया है, जिसमें टोटल लगभग 92 वृक्षों का संरक्षण किया है।

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अर्बन एरियाज में माइक्रोफोना मतलब जैसे तितली और जुगनू फ्लाइज यह सब पर भी काम कर रही है। इनके संरक्षण के लिए मैनेजमेंट डेवलप, बर्ड्स के संरक्षण के लिए, वॉटर कंजर्वेशन,वेस्ट वाटर मैनेजमेंट पर भी काम करती है।

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