Bhilai Steel Plant के कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने पर अब सभी सीजीएम की घेराबंदी, CITU का ये दांव

Memorandum to all CGMs against stopping promotion of Bhilai Steel Plant employees, this is CITU's move
सीटू ने कहा कि वेतन समझौता के जायज मांगों को लेकर कई दौर की बातचीत, आंदोलन के बाद भी जब उच्च प्रबंधन तैयार नहीं था, तब हड़ताल हुई थी।
  • क्लस्टर चेंज प्रमोशन को लेकर सीटू ने दिया मुख्य महाप्रबंधकों को पत्र।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी कर्मचारियों (BSP Employees) के प्रमोशन को रोके जाने का मामला सबसे पहले सीटू ने उठाया था। अब मामले को लेकर मुख्य महाप्रबंधकों की घेराबंदी शुरू कर दी गई है। कार्मिक प्रबंधन में उच्च प्रबंधन के आदेश पर कई कर्मियों के क्लस्टर चेंज प्रमोशन एवं क्वालिफिकेशन बेस कैरियर ग्रोथ प्रमोशन को रोक दिया है।

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पूछे जाने पर वर्क्स कार्यालय का नाम लिया जा रहा है। बिना किसी उचित कारण के पात्र कर्मियों को क्लस्टर चेंज प्रमोशन से वंचित रखने की शिकायत करते हुए सीटू की टीम ने कई विभागों के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र देकर कहा कि ऐसे सभी कर्मी जिनका पदोन्नति आदेश रोका गया है, तत्काल जारी किया जाए। ऐसी किसी भी कार्यवाही को टाला जाए, जिससे औद्योगिक अशांति उत्पन्न होने की आशंका हो।

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31 दिसंबर को जारी क्लस्टर परिवर्तन पदोन्नति सूची में नहीं था कई कर्मियों का नाम

सीटू महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने बताया कि 31 दिसंबर 2024 को जारी क्लस्टर परिवर्तन पदोन्नति सूची में संयंत्र के अधिकांश विभाग के कई पात्र कर्मचारियों के नाम नहीं है। पीड़ित कर्मियों द्वारा कार्मिक विभाग में संपर्क करने पर उन्हें सूचित किया गया कि 28 अक्टूबर 2024 की हड़ताल में शामिल रहने के कारण उनका पदोन्नति नहीं हुआ है।

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अनुचित श्रम व्यवहार कर रहा है प्रबंधन

सीटू नेता ने कहा कि प्रबंधन द्वारा किसी कर्मी को ऐसे किसी हड़ताल में शामिल होने की वजह से प्रमोशन से वंचित रखना, जिसे किसी न्यायालय या प्राधिकृत अधिकारी द्वारा अवैध घोषित नहीं किया गया है। औद्योगिक विवाद अधिनियम की अनुसूची-4 के बिंदु 4 के तहत अनुचित श्रम व्यवहार है। जिससे प्रबंधन को बचाना चाहिए था किंतु बिना सोचे समझे वर्क्स प्रबंधन ने निर्णय लेकर मौखिक आदेश जारी कर दिया अब उस निर्णय को लेकर पूरा संयंत्र परेशान है।

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हक की लड़ाई लड़ रहे थे 28 अक्टूबर को कर्मी

सीटू नेता ने कहा कि वेतन समझौता के जायज मांगों को लेकर कई दौर की बातचीत एवं कई दौर के आंदोलन के बाद भी जब उच्च प्रबंधन कर्मियों के मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं था, तब अपने मांगों को बल देने के लिए 28 अक्टूबर की हड़ताल का आह्वान किया गया था। हड़ताल पूरी तरह से जायज एवं वैध है, जिस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता किंतु प्रबंधन उस हड़ताल से बौखला गया एवं कर्मचारी को डराने के उद्देश्य से ऐसा कदम उठाया है जिसे वापस लेना होगा।

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