Bokaro Steel Plant में गैस रिसाव, जान बचाने अफरा-तफरी, अस्पताल के बेड तक पहुंचे कर्मचारी और फिर…

  • गैस सेफ्टी (इएमडी), सेफ्टी, ब्लास्ट फर्नेस, प्लांट कंट्रोल, चिकित्सा सेवाएं, बीएसएल सिक्योरिटी इत्यादि के अलावा सीआईएसएफ (CISF), जिला-प्रशासन और एनडीआरएफ (NDRF) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited) के बोकारो स्टील प्लांट में गुरुवार को फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस का सायरन गूंजता रहा। दूर तक आवाज सुनाई दी और कर्मचारी-अधिकारी दहशत में आ गए। गैस रिसाव की चपेट में कर्मचारी आए और उन्हें किसी तरह स्ट्रेचर पर बाहर लाया गया। एम्बुलेंस पहुंची और तत्काल अस्पताल लेकर चली गई।

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डाक्टरों की टीम जान बचाने के लिए हर तरह की कोशिश करती रही। इस अफरा-तफरी की खबर को पढ़ते हुए आपकी नजरों के सामने भीषण हादसे का मंजर आ चुका होगा। लेकिन, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है, तनाव मत लीजिए। कर्मचारियों और अधिकारियों को सुरक्षा का पाठ पढ़ाने और एजेंसियों की सक्रियता परखने के लिए बीएसएल प्रबंधन ने गैस रिसाव पर मॉक-ड्रिल किया।

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बीएसएल (BSL) में गैस रिसाव को लेकर वृहद पैमाने पर मॉकड्रिल आयोजित किया गया, जिसमे बीएसएल के कई विभागों जैसे गैस सेफ्टी (इएमडी), सेफ्टी, ब्लास्ट फर्नेस, प्लांट कंट्रोल, चिकित्सा सेवाएं, बीएसएल सिक्योरिटी इत्यादि के अलावा सीआईएसएफ (CISF), जिला-प्रशासन और एनडीआरएफ (NDRF) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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गैस स्राव के किसी आपदा में तैयारियों का जायजा लेने के लिए किये गए इस मॉकड्रिल में ऐसी आपदा से निपटने के लिए परिचालनीय तैयारी, त्वरित प्रक्रिया का समय, सम्बंधित एजेंसियों को दुर्घटना सम्बन्धी सूचना की सम्प्रेषणीयता, चिकित्सीय व्यवस्था की मुस्तैदी और एकाधिक एजेंसियों के शामिल रहने की स्थिति में उनके बीच के समन्वय और कमान-श्रृंखला जैसे कई पहलुओं की परख हुई ताकि बचाव अभियान सुचारु रूप से सफल हो सके।

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सुबह लगभग 11 बजे से शुरू हुए ये मॉकड्रिल डेढ़ घंटे तक चला। मॉकड्रिल में इस तरह के आपात स्थिति को निपटने के लिए रही तैयारी के सभी प्रमुख बिंदु संतोषजनक पाए गए। मॉकड्रिल के दौरान चिन्हित स्थानों पर नियुक्त पर्यवेक्षकों ने मॉकड्रिल के परिणामों की चर्चा के लिए बुलाई बैठक में अपने अवलोकनों को एक दूसरे के साथ साझा किया।

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इसके अलावा जिला आपदा पदाधिकारी शक्ति कुमार, सीआईएसएफ और एनडीआरएफ के 9वीं बटालियन के वरीय अधिकारीयों ने भी अपने प्रेक्षणों से सबों को अवगत कराया। कार्यकारी निदेशक प्रभारी बीरेंद्र कुमार तिवारी ने इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए मॉकड्रिल से प्राप्त परिणामों पर संतोष जताया।

ज्ञातव्य हो कि इस्पात संयंत्र में उत्पादन के दौरान कई जहरीली गैसों का उत्सर्जन होता है। बीएसएल प्रबंधन द्वारा इन गैसों का समुचित तकनिकी प्रबंधन किया जाता है, ताकि इनसे कोई हानि न हो पाए. फिर भी किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रबंधन समय समय पर इस प्रकार के मॉकड्रिलों का आयोजन करता रहता है ताकि सतर्कता और बचाव अभियानों की तैयारी बनी रहे।