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Employees Provident Fund Organization और केंद्र सरकार से पेंशनभोगी खासा नाराज हैं।
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न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए को बढ़ाकर 7500 रुपए करने की मांग की जा रही है।
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पेंशनभोगी केंद्र सरकार के साथ विपक्षीय दलों के नेताओं के भी संपर्क में।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) की आवाज थमने वाली नहीं है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश होने वाला है। उम्मीद लगाई जा रही है कि इस बजट में न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए से बढ़ाकर 7500 रुपए किया जा सकती है।
मोदी सरकार क्या वास्तव में ऐसा करने वाली है। तमाम आशंकाओं के बीच पेंशनर्स ने आवाज उठाई है कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए तत्काल मुलाकातों का दौर तेज कर दें। बजट में न्यूनतम पेंशन वृद्धि का प्रावधान रखा जाए।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) और केंद्र सरकार को लेकर पेंशनभोगी खासा नाराज हैं। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) को बढ़वाने के लिए पेंशनर्स के कई सुझाव सामने आ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर सुझावों का दौर जारी
सोशल मीडिया पर रंजीत कुमार दत्ता ने लिखा-ईपीएस 95 पेंशनभोगियों के नेताओं को बजट सत्र से पहले इस मुद्दे को उठाने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क करना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वार्षिक बजट 22 जुलाई को पेश करेंगी। इसलिए कम से कम एक सप्ताह पहले इस मामले को सरकार के संज्ञान में आना चाहिए, अन्यथा कोई गुंजाइश नहीं है।
EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति सतारा की कोशिश जारी
दूसरी ओर EPS 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति सतारा जिला के सदस्यों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र की सियासत के बड़े चेहरे शरदचंद्र पवार से मुलाकात की। अध्यक्ष भुजंगराव जाधव, हनमंतराव कणसे, सुदाम निकम ने ईपीएस 95 पेंशनर्स की बात विस्तार से बताई। 1000 रुपए में जिंदगी काटने वालों की पेंशन को बढ़ाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की मांग की।
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