- बोनस विवाद को लेकर 28 सितंबर को मशाल जुलूस निकाला गया था।
- यूनियन ने लिखित चेतावनी दिया।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के बोकारो स्टील प्लांट (Bokaro Steel Plant) से बड़ी खबर है। एनजेसीएस यूनियनों (NJCS Unions) के खिलाफ अभियान छेड़ने वाली बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ (Bokaro Non-Official Employees Union) पर गाज गिर गई है।
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प्रतिबंधित क्षेत्र में मशाल जुलूस निकालने का आरोप लगाते हुए बीएसएल प्रबंधन (BSL Management) ने 49 से कर्मचारियों को नोटिस थमा दिया है। वहीं, कर्मचारियों ने इसे तानाशाही करार देते हुए मोर्चा खोल दिया है। प्रबंधन के नोटिस का जवाब भी देना शुरू कर दिया है। यूनियन की तरफ से आधिकारिक जवाब भी दाखिल कर दिया गया है।
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प्रोडक्शन रिलेटेड पे (Production Related Pay) के फॉर्मूले से बोनस भुगतान की मांग को लेकर 28 सितंबर को मशाल जुलूस निकाला गया था। मजदूर मैदान से एडीएम बिल्डिंग गेट (ADM Building Gate) के सामने तक मशाल जुलूस था। प्रबंधन का कहना है कि यह प्रतिबंधित एरिया है, जहां किसी तरह की कोई गतिविधि नहीं की जा सकती है।
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यूनियन ने यहां पर मशाल जुलूस निकाला और नारेबाजी की। वहीं, यूनियन का कहना है कि जिला प्रशासन की तरफ से दंडाधिकारी का तैनात किया गया था। बीएसएल प्रबंधन और जिला प्रशासन के साथ पुलिस प्रशासन को सूचित किया गया था। यूनियन ने एडीएम बिल्डिंग के सामने सड़क उस पार मशाल जुलूस निकाला, प्रतिबंधित एरिया में कोई नहीं गया था।
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नियम पूर्वक कार्य किया है, जो लोगों का लोकतांत्रित व्यवस्था में अधिकार है। साल 2007 के एक केस का हवाला दिया गया। एडीएम बिल्डिंग के सामने प्रदर्शन करने पर एटक के नेता अनिरूद्ध समेत कई लोगों ने एफआआर कराया गया था। इनके जमानत आदेश में लिखा था कि प्रतिबंधित एरिया में नहीं थे। इसलिए जमानत दी जा रही है।
बोकारो बीएकेएस का दावा है कि 44 लोगों को नोटिस प्राप्त हुआ है। रविवार को यूनियन की एक अहम बैठक है। इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
बता दें कि बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ के अनुमति पत्र को जिला प्रशासन ने निरस्त कर दिया था, क्योंकि मुर्गा चौक से इस्पात भवन तक मशाल जुलूस निकालने की तैयारी थी। इसके बाद यूनियन ने मुर्गा चौक से सेंट्रल एवेन्यू मार्ग पर मशाल जुलूस निकालकर विरोध दर्ज कराया था।
जानिए यूनियन अध्यक्ष ने क्या कहा…
अध्यक्ष हरिओम का कहना है कि प्रतिबंधित क्षेत्र के मुद्दे पर बीएसएल मैनेजमेंट केस हार चुकी है। यूनियन द्वारा प्रदर्शन की सूचना देने के बाद प्रतिबंधित क्षेत्र की सूचना बीएसएल प्रबंधन ने यूनियन को नहीं दिया था।
प्रबंधन अगर तानाशाही करेगी तो पुनः कोर्ट में सभी नोटिस देने वाले अधिकारीगणो को पार्टी बनाया जाएगा कि साबित करें कि सड़क प्रतिबंधित क्षेत्र में आता है। हड़ताल की तैयारी अपने चरम पर है, शत प्रतिशत होगी हड़ताल।