- लोकसभा और राज्यसभा से विपक्षी दलों के 146 सांसदों को निलंबित करने के खिलाफ प्रदर्शन।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। 13 दिसम्बर को लोकसभा में हुई सुरक्षा में चूक को लेकर प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री को संसद में बयान देने की विपक्ष की मांग के खिलाफ सरकार द्वारा अब तक विपक्षी दलों के 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।
इसके खिलाफ शुक्रवार को इंडिया गठबंधन ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया, जिसके तहत भिलाई में भी प्रदर्शन किया गया। सिविक सेंटर सेल परिवार चौक (बेरोजगार चौक) में शाम 5 से 6 बजे तक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी एवं भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी लिबरेशन के द्वारा संयुक्त प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में सीटू, एटक, ऐक्टू, लोइमू आदि जन संगठनों ने भी भाग लिया।
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प्रदर्शन के बाद कलेक्टर के माध्यम से एक ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम सौंपा कर मांग किया गया कि 146 विपक्षी सांसदों के निलंबन को तत्काल रद्द किया जाए और केंद्र सरकार द्वारा संविधान व लोकतंत्र पर किए जा रहे हमले पर रोक लगाई जाए।
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विपक्ष को बाहर कर जन विरोधी कानून पारित कर रही है केंद्र सरकार
श्रमिक नेताओं ने कहा-मौजूदा सत्र में संसद के अंदर सीआरपीसी के संबंध में बहुत ही महत्वपूर्ण कानून पेश किए जाने हैं, जिसको पारित करने के पहले विपक्ष की राय जानना जरूरी है। किंतु सरकार के कदम में यह साबित कर दिया कि वह जो कानून लेकर आ रही है वह जन विरोधी है, जिस पर लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी के द्वारा उठाए गए सवालों का वह जवाब नहीं दे सकती।
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इसलिए यह निलंबन का खेल रचा गया है। सरकार इस कानून को पारित कर इस कानून के माध्यम से विपक्ष एवं जनवादी आवाज को कुचलना का षड्यंत्र कर रही है, जिसका जवाब जनता आने वाले चुनाव में देगी।
क्या संसद को विपक्ष से मुक्त करना चाहती है केंद्र सरकार
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार संसदीय प्रणाली की धज्जियां उड़ा रही है। सांसदों द्वारा सरकार से बयान की मांग करने पर विपक्षी सांसदों के निलंबन की कार्यवाही दर्शाती है कि मोदी सरकार संसद के प्रति जवाबदेह नहीं है। विपक्ष की असहमति की आवाज को दबाना चाहती है। सरकार संसद का अपमान व उपेक्षा कर रही है। अच्छी सरकार चलाने के लिए मजबूत विपक्ष का होना बहुत जरूरी है। लेकिन केंद्र सरकार विपक्ष से भाग रही है। इसीलिए ऐसा कदम उठा रही है।
वक्ताओं ने आगे कहा कि सरकार संसद को विपक्ष मुक्त, सड़क को आंदोलन मुक्त कर रही है। मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए एकजुट होकर प्रतिरोध करना होगा।