रथयात्रा महोत्सव 2025 शुरू, देवस्नान के बाद बीमार पड़े महाप्रभु, अब 26 जून को खुलेंगे मंदिर के पट

  • देव स्नान के पश्चात महाप्रभु का गजराज वेश के रूप में श्रृंगार किया गया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। श्री जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-4 में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी महाप्रभु श्री जगन्नाथ स्वामी जी की 56 वीं रथयात्रा महोत्सव 2025 मनाने जा रही है। रथयात्रा की पहली कड़ी के रुप में बुधवार को श्री जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-4 में देवस्नान पूर्णिमा का पारंपरिक व धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ।

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इस आयोजन के तहत महाप्रभु को बाजे-गाजे के साथ पहंडी करते हुए मंदिर से निकाल कर देव स्नान मंडप पर लाया गया। देव स्नान मंडप में समस्त विधि-विधान के साथ महाप्रभु श्री जगन्नाथ स्वामी, बड़े भाई भगवान श्री बलभद्र देव, तथा देवी सुभद्रा को सुगंधित व औषधि युक्त जल से स्नान कराया गया।

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देव स्नान की यह धार्मिक पूजा समस्त रीति-रिवाजों के साथ पुरोहित पितवास पाढ़ी, सीमांचल रथ तथा प्रकाश दास, रंजन महापात्र, रंजीत रथ, सुशांत सतपथी,सरोज दास द्वारा संपन्न्न किया गया। देव स्नान के पश्चात महाप्रभु का गजराज वेश के रूप में श्रृंगार किया गया ।

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देव स्नान के पश्चात महाप्रभु के बीमार पड़ने के कारण उन्हे विश्राम हेतु अणसर गृह में स्थापित किया गया। आज से लेकर 26 जून के नेत्र उत्सव तक महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के मंदिर के पट बंद रहेंगे। इस अवधि में महाप्रभु को विभिन्न जड़ी बूटियों व दिव्य औषधियों का भोग लगाया जाएगा।

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26 जून को नेत्र उत्सव का आयोजन किया जायेगा। तत्पश्चात महाप्रभु के मंदिर का पट,दर्शन हेतु खोले जायेंगे। इसके बाद  दिनांक 27 जून  को दोपहर 2.00 बजे सेक्टर-4 स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर से रथयात्रा निकाली जाएगी।

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देव स्नान के इस पावन उत्सव को सफल बनाने में जगन्नाथ समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र सतपति एवं महासचिव सत्यवान नायक सहित समिति के पदाधिकारी अनाम नाहक, वृंदावन स्वांई,डी त्रिनाथ, त्रिनाथ साहू, बसंत प्रधान,भीम स्वांई, सीमांचल बेहरा, सुशांत सतपथी, बीसी बिस्वाल, कालू बेहरा, बीसी केशन साहू, निरंजन महाराणा, प्रकाश स्वांई, कवि बिस्वाल, कैलाश पात्रो, एस दलाई,सुभाष पात्रो, रबि स्वांई, जगन्नाथ पटनायक,वी के होता,शत्रुघन डाकूआ, हिमांशु शांति, ने विशेष योगदान दिया।

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इस अवसर पर समिति के पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे। देव स्नान के विभिन्न पूजा कर्म व पहंडी कार्यक्रम पुरोहीत पितवास पाढ़ी के नेतृत्व में विधि विधान से सम्पन्न किया गया।

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