Suchnaji

SAIL E0 Executive: जूनियर ऑफिसर अब कहलाएंगे जूनियर मैनेजर, कर्मचारियों के पदनाम पर कैसे होगा समझौता?

SAIL E0 Executive: जूनियर ऑफिसर अब कहलाएंगे जूनियर मैनेजर, कर्मचारियों के पदनाम पर कैसे होगा समझौता?
  • कर्मचारियों के साथ ही जूनियर आफिसर का भी पदनाम बदला गया है।
  • कर्मचारियों के पदनाम को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के कर्मचारियों का पदनाम बदल दिया गया है। सेल प्रबंधन (SAIL Management) के आदेश में एक और आदेश है। कर्मचारियों के साथ ही जूनियर आफिसर का भी पदनाम बदला गया है। कर्मचारी से अधिकारी बनने वाले जूनियर आफिसर (Junior Officer) को अब जूनियर मैनेजर (Junior Manager) कहा जाएगा। स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख किया गया है।

ये खबर भी पढ़ें : BSP SC-ST एसोसिएशन से बड़ी खबर, EO एग्जाम में समाज से अधिक जूनियर आफिसर बनाने की उठी आवाज

AD DESCRIPTION

वहीं, कर्मचारियों के पदनाम को लेकर सोशल मीडिया (Social Media) पर बहस छिड़ गई है। एक कर्मचारी ने कमेंट करते हुए लिखा-सिर्फ एस-9 से एस-11 को ही जूनियर इंजीनियर दिया जा रहा है। यह बात मत पकड़िए, कलस्टर D को ध्यान में रखिए। अभी मुश्किल से 2% कर्मचारी भी कलस्टर D में नहीं हैं। अर्थात पूरे सेल में 100 लोगों को भी जूनियर इंजीनियर पदनाम नहीं मिलेगा…।

ये खबर भी पढ़ें : Bhilai Steel Plant रोपने जा रहा 40,000 और पौधे, देखिए टाउनशिप-पटरी पार का तापमान

वहीं, कर्मचारियों की तरफ से यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि यह लागू कैसे होगा? नॉन एक्स के मामले में सेल कोई कंपनी ही नहीं है। सभी लोकल यूनिट में लोकल रिकॉगनाईज्ड यूनियन की सहमति तथा समझौता जरूरी है। अब देखना है कि कौन-कौन लोकल रिकॉगनाईज्ड यूनियन इस पदनाम पर समझौता करते हैं। कारो में न तो कोई रिकॉगनाईज्ड यूनियन है तथा न ही रिकॉगनाईज्ड यूनियन नेता।

ये खबर भी पढ़ें : PM Modi और डॉ. जितेंद्र सिंह के हाथों में है कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, संभाला कामकाज, पेंशन सुधार पर कही बड़ी बात

पदनाम से जुड़ी ये बातें भी जानिए

-जिस स्ट्रीम में गैर-कार्यकारी कर्मचारी काम कर रहे है, उसके लिए दिए गए पदनाम के साथ कार्य/अनुशासन का क्षेत्र जोड़ा जा सकता है।

-पदनाम में परिवर्तन केवल पदनामों के नामकरण में परिवर्तन तक ही सीमित रहेगा। वरिष्ठता और पदोन्नति की रेखा में कोई बदलाव नहीं होगा।

-इसका कोई वित्तीय प्रभाव नहीं होगा और यह मौजूदा वेतनमान/क्लस्टर से जुड़ा होगा।

ये खबर भी पढ़ें : इस्पात मंत्री HD Kumar Swamy ने संभाला पदभार, SAIL चेयरमैन-डायरेक्टर पहुंचे, श्रम एवं रोजगार मंत्री ने संभाली कमान

-माइनिंग मेट, माइनिंग फोरमैन, फायर आदि जैसे वैधानिक पदों के लिए संयंत्र/इकाइयाँ मौजूदा पदनामों के साथ जारी रह सकती हैं।

-प्लांट/यूनिट के निदेशक एल/सी/कार्यात्मक निदेशक को क्लस्टरवार व्यापक जेनेरिक पदनामों के सुचारू कार्यान्वयन के लिए, स्थानीय आवश्यकताओं पर विचार करते हुए, प्लांट/यूनिट स्तर पर पुन: पदनामों के लिए मंजूरी देने का अधिकार होगा। कॉर्पोरेट कार्यालय के मामले में, निदेशक (कार्मिक) अनुमोदन के लिए सक्षम प्राधिकारी होंगे।

ये खबर भी पढ़ें : Council of Ministers: इस्पात मंत्रालय में कुमार स्वामी, भूपति राजू और कोयला-खनन मंत्रालय में किशन रेड्‌डी, सतीश चंद्र दुबे संभालेंगे कमान

-यदि संयंत्र/इकाइयों के सुचारू कामकाज के लिए बाद की तारीख में प्रस्तावित पदनामों में संशोधन की आवश्यकता होती है, तो यह अध्यक्ष, सेल के अनुमोदन से किया जाएगा।

-अनुमोदित नियमों और शर्तों के तहत क्लस्टर/ग्रेड के अनुसार उपरोक्त सामान्य पदनाम को उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए प्लांट/यूनिट स्तर पर लागू किया जा सकता है।

ये खबर भी पढ़ें : बोकारो स्टील प्लांट को मिला कलिंगा पर्यावरण उत्कृष्टता पुरस्कार, डीआइसी को सौंपा