हिमांशु बल ने Suchnaji.com को बताया कि सेल प्रबंधन दोहरी मानसिकता के तहत काम कर रही है।
सूचनाजी न्यूज, राउरकेला। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (SAIL) के कर्मचारियों की तरफ से प्रबंधन को घेरने का मौका नहीं छोड़ा जा रहा है। अधिकारियों के आवास टैक्स का 50 प्रतिशत कंपनी वहन करती है। लेकिन, कर्मचारियों के मामले पर कोई राहत नहीं है। इसके खिलाफ राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ ने आरएलसी-सेंट्रल (RLC-C) के पास परिवाद दायर किया है। दूसरी सुनवाई शुक्रवार को हुई। यहां प्रबंधन की बात सुनने के बाद आरएलसी की तरफ से कहा गया कि यह मामला सेल कारपोरेट आफिस का है। इसलिए राउरकेला में इसकी सुनवाई नहीं की जा सकती है।
इस विषय पर सीएलसी से राय लेने के बाद ही कोई फैसला होगा। फिलहाल, मामला दिल्ली भेजने की बात सामने आ रही है। यूनियन की तरफ से अध्यक्ष हिमांशु बल ने आरएलसी को भिलाई का हवाला देते हुए बताया कि वहां की एक यूनियन दिल्ली सीएलसी के पास पहुंची तो उसे रायपुर भेज दिया गया। अब आप राउरकेला से दिल्ली भेजने की बात बोल रहे हैं। ठीक है, मामले को दिल्ली रेफर कर दीजिए, हम लोग वहीं लड़ेंगे।
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हिमांशु बल ने Suchnaji.com को बताया कि सेल प्रबंधन दोहरी मानसिकता के तहत काम कर रही है। अधिकारियों को बेहतर आवास के साथ ही 50 प्रतिशत तक टैक्स का खर्च उठा रही है। वहीं, कर्मचारियों को बेहतर आवास तक नहीं दिया जा रहा है। साथ ही टैक्स में कोई राहत भी नहीं है। सेल प्रबंधन 18 नवंबर 2021 से अधिकारियों को 50 प्रतिशत रिटर्न कर रहा है। कर्मचारियों को हक दिलाने के लिए मई में परिवाद दायर किया था। पहली सुनवाई 20 मई को हुई थी। उस वक्त स्थानीय प्रबंधन की तरफ से कहा गया था कि कारपोरेट में भेजेंगे।
दूसरी सुनवाई शुक्रवार को RLC(C) आफिस में हुई। प्रबंधन ने लिखित में दिया कि एनजेसीएस सब-कमेटी मीटिंग में इस विषय पर कोई डिमांड नहीं दिया गया और सब कमेटी के प्रस्ताब को 293वीं NJCS मीटिंग में पारित किया गया है। इसलिए इसके ऊपर दोबारा चर्चा नहीं हो सकता है। RIKKS ने साफ शब्दों में कहा कि एक यूनियन सब कमेटी में जाती ही नहीं है। इसलिए राउरकेला इस्पात कारखाना कर्मचारी संघ का यह हक बनता है। वह इस मुद्दे को उठा सकता है।
प्रबंधन ने यह लिखित में भी दिया कि यह पूरे SAIL का मुद्दा है। इसलिए इस विषय की सुनवाई यहां न किया जाए। यूनियन ने बोला इससे पहले भी Degradation के विषय को इसी आफिस से failure करके कोर्ट भेजा गया था।
इसलिए प्रबंधन का यह तर्क सही नहीं है। अंत में RLC बोले कि इस विषय पर वह थोड़ा CLC (C) आफिस से विचार-विशर्म करेंगे और उसके बाद फिर सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान RLC संतोष सेठी, प्रबंधन के तरफ से जीएम आइआर डाक्टर पीके साहू, एजीएम आईआर एस. त्रिपाठी उपस्तित थे। वहीं, यूनियन के तरफ से हिमांशू बल, प्रदोष पंडा, राजेन्द्र माहंत, अजित पुष्टि, मुरली सामल, संग्राम माहंती, निरंजन पटेल, संतोष, प्रबोध साहू और संतोष साहू उपस्तित थे।