- बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम में कर्मचारी नाइट शिफ्ट में अटेंडेंस लगाता है, लेकिन दिखा रहा सी शिफ्ट।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील इंप्लाइज यूनियन इंटक के कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक हुई, जिसमें सीपीएफ लोन के टॉप-अप स्कीम को पुनः शुरू करने की पुरजोर मांग उठाई गई। नाइट शिफ्ट एलाउंस के लिए डिक्लेरेशन की अनिवार्यता खत्म करने, खुर्सीपार गेट के सामने की सड़क को बनाने की मांग की गई।
बैठक में उप महासचिव शिव शंकर सिंह ने कहा कि सीपीएफ टेंपरेरी लोन के साथ टॉप-अप स्कीम चल रही थी। लेकिन जब से ब्याज रहित टेंपरेरी लोन शुरू हुआ है तब से टॉप-अप स्कीम को बंद कर दिया गया है। नया टेंपरेरी लोन लेने के लिए कर्मचारियों को बची हुई पूरी राशि जमा करना पड़ता है। इससे कर्मचारियों को परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए जल्द से जल्द सीपीएफ टॉप अप स्कीम शुरू करने की मांग की गई है।
ठेकेदार या बाहर की हैवी गाड़ियों को भी दें नोटिस
बैठक में सचिव ताम्रध्वज सिन्हा ने कहा कि संयंत्र के अंदर हाई स्पीड गाड़ी चलाने वाले ठेकेदार या बाहर की हैवी गाड़ियां एवं बीएसपी की गाड़ियों को भी नोटिस दिया जाना चाहिए। प्रबंधन बताए, ऐसे वाहनों पर क्या कार्रवाई की गई।
नाइट शिफ्ट एलाउंस के लिए डिक्लेरेशन की बाध्यता समाप्त करें, मॉड्यूल में करें बदलाव
वरिष्ठ सचिव रेशम राठौर ने कहा कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम में यदि कर्मचारी नाइट शिफ्ट में अटेंडेंस लगाता है तो वहां पर सी शिफ्ट दर्शाया जाता है, उसी से कर्मचारियों को नाइट शिफ्ट एलाउंस दिया जा सकता है। इसके लिए यदि मॉड्यूल में परिवर्तन करने की जरूरत हो तो परिवर्तन किया जाए। नाइट शिफ्ट अलाउंस के लिए अलग से डिक्लेरेशन की जरूरत नहीं होनी चाहिए। गलती से यदि कर्मचारी डिक्लेरेशन पर टिक करना भूल गया तो वह नाइट शिफ्ट अलाउंस से वंचित हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि सेफ्टी डिपार्टमेंट से पूछा जाए कि क्या प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी एवं ठेकेदार के सुपरवाइजरों को भी हाई स्पीड के लिए नोटिस दिया जाता है या नहीं?
वरिष्ठ सचिव राजकुमार ने बोरिया गेट पर अभी भी हैवी गाड़ियों के जाम लगे रहने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रबंधन एवं प्रशासन की कमजोरी है। उन्होंने यहां कि व्यवस्था को जल्द से जल्द सुधरने की मांग की।
खुर्सीपार गेट के जानलेवा गड्ढों से छुटकारा दिलाए प्रबंधन
संयुक्त सचिव अनिल कुमार ने कहा कि बहुत बड़ी संख्या में बीएसपी कर्मचारी एवं ठेका श्रमिक खुर्सीपार गेट से आते हैं। लेकिन यहां पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं कि कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी आ रहे हैं। यहीं से हैवी गाड़ियों की आवाजाही होती है। जरा सी लापरवाही होने पर दोपहिया वाहन चालक बड़े गाड़ियों के नीचे आ सकते हैं, जिससे उनकी जान भी जा सकती है। प्रबंधन जल्द से जल्द खुर्सीपार गेट के सड़क को बनवाएं।
मेन गेट पर भर जाता है पानी
संयुक्त सचिव जे बेंजामिन ने कहा कि मेन गेट के गैलरी के पास पानी भर जाता है। इसे निकालने की व्यवस्था किया जाए। महासचिव वंश बहादुर सिंह ने कहा कि सीपीएफ टॉप-अप लोन के लिए जल्द ही वित्त विभाग के शीर्ष अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि खुर्सीपार गेट के गड्ढों को सुधारने की मांग पहले भी की गई है। यदि प्रबंधन जल्द इस रोड को नहीं सुधारा तो यूनियन को आंदोलन करने के लिए बात होना पड़ेगा।
बैठक में महासचिव वंश बहादुर सिंह, उपाध्यक्ष गिरिराज देशमुख, उप महासचिव शिव शंकर सिंह, सहायक कोषाध्यक्ष जी आर सुमन, वरिष्ठ सचिव रेशम राठौर, राजकुमार, ज्ञानेंद्र पांडेय, के रमनमूर्ति, सचिव गणेश कुमार सोनी, ताम्रध्वज सिन्हा, राजकुमार नायर, अर्जुन कुमार, जे बेंजामिन, के वेणुगोपाल, अनिल कुमार आदि उपस्थित थे।