- पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू ने फिर उठाया मुद्दा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। चार महीने बीत जाने के बाद भी बायोमेट्रिक आधारित उपस्थिति दर्ज करने वाली व्यवस्था में विद्यमान अनेक खामियां यथावत है। एक जुलाई से भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) में बायोमेट्रिक आधारित उपस्थिति दर्ज करने वाली प्रणाली (Biometric Based Attendance Management System) लागू है।
इस प्रणाली के गड़बड़ियों को लेकर सीटू ने जब भी बात किया प्रबंधन से एक ही उत्तर आया कि व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। किंतु वास्तविकता यह है कि कर्मी हर दिन अपनी बायोमेट्रिक उपस्थिति को जांच करते हैं एवं उसकी गड़बड़ियों को सुधारने के लिए अधिकारियों का चक्कर काटते हैं। हद तो तब हो जा रही है जब इसका खामियाजा कर्मियों को अपने वेतन से कटौती द्वारा भुगतना पड़ रहा है।
तीन माह से नहीं मिल रहा है रात्रि पाली भत्ता
सीटू महासचिव जेपी त्रिवेदी ने कहा प्रत्यक्ष उदाहरण सीटू के सामने आया है, जिसमें आक्सीजन प्लांट 2 के कर्मचारी जुलाई माह में 7 रात्रि पाली ड्यूटी किया है। और उसे सिर्फ चार रात्रि पाली भत्ता (इंसीडेंटल एक्सपेंसेस) दिया गया है।
अगस्त सितम्बर अक्टूबर माह में रात्रि पाली ड्यूटी किया है और एक भी रात्रि पाली भत्ता (इंसीडेंटल एक्सपेंसेस) नहीं दिया है।13/09/2024 की रात्रि पाली ड्यूटी को सामान्य पाली में बदल दिया है।इस तरह जितने भी विसंगतियां आ रही है वह सब रात्रि पाली ड्यूटी में ही आ रही है। इससे यह भी प्रतीत होता है कि कहीं प्रबंधन की मंशा रात्रि पाली भत्ता बचा का अपना कास्ट कंट्रोल का स्लोगन पूरा करने का तो नहीं है।
कर्मी मेडिकल इमरजेंसी छुट्टी भी नहीं भर पा रहा है 28 अक्टूबर को
वे कर्मचारी जो 28 अक्टूबर को या उसके आगे पीछे दिनों में बीमार थे या सेक्टर 9 अस्पताल में भर्ती थे और उन्हें अस्पताल से मेडिकल अनफिट सर्टिफिकेट भी दिया गया है, उनको भी BAMS में लाक कर दिया गया है, जिससे कर्मी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किए गए छुट्टियों को भर नहीं पा रहे हैं।
इसके साथ ही एक कर्मी ने 28 अक्टूबर की सुबह सेक्टर 9 अस्पताल में रक्तदान किया उसके एवज में नियमानुसार अस्पताल ने उन्हें उस दिन के लिए अवकाश का पर्ची प्रदान किया।
किंतु प्रबंधन अपने ही अस्पताल द्वारा दिए गए उस पर्ची का मान नहीं रख रहा है। अर्थात उस पर्ची की एवज में उक्त कर्मी को उस दिन की छुट्टी नहीं दी जा रही है, जो मेडिकल इमरजेंसी के दायरे में आता है। यह सब कृत्य कहीं ना कहीं रूल्स में बैठे अधिकारियों के द्वारा दिए जा रहे निर्देशों पर हो रहा है जो मेडिकल नियमों को ही चैलेंज करता है।
31 दिसंबर की छुट्टी भी नहीं भर पा रहे हैं कर्मी
यूनियन का कहना है कि 28 अक्टूबर को हड़ताल के चलते बायोमेट्रिक आधारित प्रणाली में छुट्टी भरने को लॉक करके रखना समझ में आता है किंतु कुछ कर्मी 31 दिसंबर को एडवांस में छुट्टी भरना चाहते हैं, उसे भी BAMS में छुट्टी नहीं ले रहा है। जिससे कर्मी हताश परेशान हैं।
ड्यूटी करने के बाद भी बायोमेट्रिक आधारित उपस्थिति दर्ज करने वाली व्यवस्था (Biometric Based Attendance Management System) के चलते हो रही परेशानी को लेकर कर्मी सशंकित है। पिछले चार महीने से अपने हाजिरी छुट्टियों को लेकर इतनी मशक्कत करनी पड़ रही है कि कर्मी आक्रोशित होते जा रहे हैं और प्रबंधन संवेदनहीन होता जा रहा है।
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