
- क्या सरकार को कम्पनी के प्रत्येक कार्यों की रिपोर्टिंग नहीं होती है?
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited) के 11 अफसरों को सीडीए रूल्स के आधार पर कंपनी से बाहर कर दिया गया है। खराब परफॉर्मेंस के नाम पर प्री-मेच्योर रिटायरमेंट दिया गया है। इसे लेकर सेल के सभी प्लांट में हड़कंप मचा हुआ है। सेल के इतिहास में पहली बार इस तरह के फैसले के पीछे तरह-तरह की बातें बताई जा रही है।
कर्मचारियों को आशंका है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति के बहाने अधिकारियों और कर्मचारियों पर मानसिक दबाव छोड़ दिया गया है। ऐसे में, हर कार्मिक खुद को खतरे में समझेगा। इसी बीच किसी दिन वीआर स्कीम लांच कर दी जाएगी। वीआर स्कीम का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी-अधिकारी खुद-ब-खुद कंपनी से बाहर हो जाएंगे।
इस दावे में कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। या सेल प्रबंधन इस पर कोई आधिकारिक रूप से बयान जारी करे। फिलहाल, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना-वीआरएस को लेकर आशंका जताई जा रही है।
कर्मचारयों का सरकार और सेल से सवाल
इधर-सोशल मीडिया में SAIL के Premature Retirement पर कर्मचारी खुलकर भड़ास निकाल रहे हैं। एक कर्मचारी ने यहां तक लिख दिया कि क्या सार्वजनिक उपक्रम कहलाने वाली कम्पनी सेल केंद्र सरकार के नियंत्रण में नहीं है? क्या सेल प्रबंधन सरकार के गाइडलाइंस पर काम नहीं करती? क्या सेल चेयरमैन और अलग-अलग विभागों के डायरेक्टर अपने से बन जाते हैं? क्या सेल चेयरमैन और डायरेक्टरों का चयन कर उन्हें नियुक्ति देने में सरकार का हाथ नहीं होता? क्या सरकारी नौकरी करने वाला बिना ऊपरी सांठगांठ के अपने प्रबंधन के बल-बूते इतना बड़ा 800 करोड़ रुपयों का घोटाला कर सकते हैं? क्या सरकार को कम्पनी के प्रत्येक कार्यों की रिपोर्टिंग नहीं होती है?
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जीएम राजीव भाटिया के समर्थन में ये कहा…
सेल के कर्मचारियों ने जीएम राजीव भाटिया का समर्थन किया है। कहा-एक ईमानदार जीएम को जो कम्पनी के हित में 800 करोड़ के घोटाले का सच सामने लाता है, उसे पहले सस्पेंड, फिर उसके वेतन में कटौती करके 70 लाख तक का नुकसान, फिर नौकरी से ही बाहर कर दिया जाता है। क्या उस अधिकारी के ईमानदारी के खिलाफ प्रबंधन के द्वारा सजा दिया जाने वाला काम, क्या बिना सरकार के समर्थन के प्रबंधन का स्वयं का दुःसाहस है?