SAIL राउरकेला स्टील प्लांट ने सरकारी आईटीआई से किया एमओयू साइन

SAIL Rourkela Steel Plant signs MoU with government ITI
छात्रों को नवीनतम औद्योगिक तकनीकों से परिचित कराएगा, जिससे वे वास्तविक दुनिया के परिप्रेक्ष्य में व्यावहारिक कौशल हासिल कर सकेंगे।
  • राउरकेला इस्पात संयंत्र द्वारा प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली के लिए स्थानीय सरकारी आई.टी.आई. के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर।

सूचनाजी न्यूज, राउरकेला। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एम.एस.डी.ई.) (Ministry of Skill Development and Entrepreneurship (MSDE)) के निर्देशों के अनुरूप सेल राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के ज्ञानार्जन एवं विकास विभाग ने दिसंबर में ‘दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली’ (डी.एस.टी) योजना को लागू करने के लिए सरकारी आई.टी.आई., राउरकेला के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

ये खबर भी पढ़ें: पूर्व PM मनमोहन सिंह के निधन के शोक में SAIL BSL, 29 को हैप्पी स्ट्रीट कार्यक्रम कैंसिल, अब 5 जनवरी को

तीन साल की अवधि वाले इस समझौता ज्ञापन पर आर.एस.पी. की ओर से मुख्य महाप्रबंधक (एम.एस. एवं एच.आर.-एल.एंड डी.) पीके.साहू और सरकारी आई.टी.आई., राउरकेला के प्राचार्य दमन सोरेन ने हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षर समारोह में दोनों संस्थानों के अन्य अधिकारियों के साथ महा प्रबंधक (एच.आर.-एल.एंड डी.) चैताली दास की उपस्थिति रही।

ये खबर भी पढ़ें: बोकारो स्टील प्लांट में एक्सीडेंट: हाइवा ने बाइक सवार कर्मचारी को कुचला

इस समझौते के तहत डीएसटी कार्यक्रम के तहत नियमित आई.टी.आई. छात्र प्रथम वर्ष में सैद्धांतिक प्रशिक्षण ग्रहण करेंगे। इसके बाद दूसरे वर्ष के पहले नौ महीनो में उन्हें औद्योगिक प्रशिक्षण का सुयोग प्राप्त होगा।

ये खबर भी पढ़ें: Suchnaji.com की खबर का असर: हुडको पहुंचा भिलाई नगर निगम, कब्जेदार दुकान बंदकर भागा, निगम ने जब्त किया सामान

इसके बाद, छात्र अपने नियमित पाठ्यक्रम के शेष तीन महीने पूरे करने के लिए आई.टी.आई. में वापस आएंगे। यह अनूठी संरचना व्यावहारिक औद्योगिक अनुभव के साथ कक्षा में सीखने का सहज एकीकरण सुनिश्चित करेगी।

ये खबर भी पढ़ें: SAIL BSL: मिडिल और हाई स्कूल विज्ञान शिक्षकों की व्यावसायिक क्षमता निर्माण के लिए जॉय ऑफ लर्निंग फाउंडेशन के साथ MOA

डीएसटी योजना का उद्देश्य आई.टी.आई. में सैद्धांतिक प्रशिक्षण को उद्योगों में व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ एकीकृत करके उद्योग की आवश्यकताओं और कार्य कौशल कार्यबल की उपलब्धता के बीच की खाई को पाटना है। यह छात्रों को नवीनतम औद्योगिक तकनीकों से परिचित कराएगा, जिससे वे वास्तविक दुनिया के परिप्रेक्ष्य में व्यावहारिक कौशल हासिल कर सकेंगे।

ये खबर भी पढ़ें: Breaking News: CITU से अलग हुआ हिन्दुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन, सहयोग मिलने का आरोप,  लौटाई संबद्धता

डी.एस.टी. कार्यक्रम पूरा करने वाले प्रशिक्षुओं को राष्ट्रीय व्यापार प्रमाणपत्र (एन.टी.सी.) से सम्मानित किया जाएगा, जिससे उन्हें उद्योग में रोजगार और कैरियर के अवसरों के मामले में नियमित आई.टी.आई. पास करने वालों के एवज में विशेष बढ़त मिलेगी। यह पहल उद्योग संबंधों को बढ़ावा देगी और प्रशिक्षुओं को आधुनिक उद्योगों की कार्य कौशल कार्यबल मांगों को पूरा करने के लिए सुसज्जित करेगी।

ये खबर भी पढ़ें: Bhilai Township: 4 जनवरी तक साढ़े 3 घंटे बिजली कटौती, आया शेड्यूल

सहयोग एक कुशल और उद्योग-तैयार कार्यबल बनाने में मदद करेगा। समझौता ज्ञापन आई.टी.आई. को डी.एस.टी. योजना को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के विकास सामान्य प्रशिक्षण (डी.जी.टी.) के दृष्टिकोण के अनुरूप है और यह सुनिश्चित करेगा कि, प्रशिक्षु उद्योग की गतिशील आवश्यकताओं के लिए अच्छी तरह से तैयार हों।

ये खबर भी पढ़ें: NMDC का पीआरएसआई राष्ट्रीय पुरस्कारों में शानदार प्रदर्शन, अनुसंधान, विकास, सीएसआर और कॉर्पोरेट संचार में मिले 6 पुरस्कार