सेल (SAIL) कर्मचारी दूसरा सवाल यह उठा रहे हैं कि जब प्रधानमंत्री कार्यालय से चिट्ठी निकली और प्रबंधन यूनियन प्रतिनिधि इस मुद्दे को लेकर मुख्य श्रम अधिकारी के पास बैठे हैं, तो इसका निराकरण भी वही होना चाहिए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के कर्मचारियों का वेतन समझौता जी का जंजाल बन गया है। आधा-अधूरा वेतन समझौता अब कानूनी दायरे में आने वाला है। एनजेसीएस (NJCS) यूनियनों की नाकामी बताते हुए बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने पीएमओ तक चिट्ठी लिखी। श्रम मंत्रालय से चिट्ठी श्रम विभाग तक पहुंची। लेकिन, दिल्ली में फैसला होने के बाद वापस रायपुर तक लौट आया।
मुख्य श्रम आयुक्त द्वारा यूनियन के सामने यह बात रखी गई कि जिन यूनियनों ने एमओयू में साइन नहीं किया है। वह क्षेत्रीय श्रम आयुक्त कार्यालय रायपुर एएलसी के पास डिस्प्यूट दायर करें। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया पर यह सवाल उठ रहा है यह वेतन समझौता पूरे सेल के कर्मचारियों का है, तो डिस्प्यूट रायपुर में क्यों? दिल्ली में क्यों नहीं? क्या मुख्य श्रम अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं?
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सेल (SAIL) कर्मचारी दूसरा सवाल यह उठा रहे हैं कि जब प्रधानमंत्री कार्यालय से चिट्ठी निकली और प्रबंधन यूनियन प्रतिनिधि इस मुद्दे को लेकर मुख्य श्रम अधिकारी के पास बैठे हैं, तो इसका निराकरण भी वही होना चाहिए। और एक बात सामने आ रही है कि सीटू यूनियन से भिलाई से कोई भी एनजेसीएस सदस्य नहीं है। और जबकि दूसरी यूनियन से यहां सदस्य हैं।
ऐसी स्थिति में वेतन समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले सदस्य एनजीसीएस (NJCS) सदस्य हैं और मना करने वाले भी सदस्य एनजीसीएस सदस्य हैं, तो नॉन एनजेसीएस सदस्य रायपुर में कैसे डिस्प्यूट दायर करेंगे। यह तो गौर करने वाली बात है। इससे पहले के कई सारे मामले रायपुर में चल रहे हैं और उनका क्या हल निकला, यह सभी को पता है।
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दूसरी तरफ कर्मचारी अब वेतन समझौता नहीं करने वाली यूनियनों की ओर देख रहे हैं कि यह दोनों यूनियन डिस्प्यूट दायर करें। लेकिन सच्चाई यह है क्या रायपुर के एएलसी के अधिकार क्षेत्र में इतना बड़ा मामला आता है क्या? इसकी सुनवाई के लिए एनजेसीएस सदस्य दिल्ली से रायपुर आएंगे? कई सवाल उठ रहे हैं?
कुल मिलाकर ऐसा लगता है मामला कहीं टाइमपास तो नहीं किया जा रहा है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि कहीं ऐसा न हो कि रायपुर में प्रस्तावित दायर परिवाद पर बीएसपी की तरफ से ये न कहा जाए कि मामला सेल कारपोरेट आफिस का है, भिलाई का नहीं…। ऐसे में स्थानीय स्तर पर मामला कैसे चल सकता है। बीएसपी अनाधिशासी कर्मचारी संघ का रजिस्ट्रेशन छत्तीसगढ़ का है। इसलिए इनका अधिकार छत्तीसगढ़ तक का है। यही वजह है कि दिल्ली श्रमायुक्त ने मामला रायपुर भेज दिया।