अंबेडकर के अनुयायियों को SAIL का तोहफा, चंद्रपुर फेरो अलॉय संयंत्र में बाबा साहब की प्रतिमा का 7 को अनावरण

SAILs gift to Ambedkars followers Baba Sahebs statue to be unveiled on 7th at Chandrapur Ferro Alloy Plant
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्नेहमंच प्रांगण, सेल सीएफपी, चंद्रपुर में अनिर्बान दासगुप्ता, निदेशक प्रभारी (भिलाई इस्पात संयंत्र) अनावरण करेंगे।

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 16 अक्टूबर 1956 को चंद्रपुर में अपने अनुयायियों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी।

सूचनाजी न्यूज, चंद्रपुर। अंबेडकर जयंती से पहले सेल (SAIL) ने बाबा साहब अंबेडकर के अनुयायियों को खुशखबरी दे दी है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड चंद्रपुर फेरो अलॉय संयंत्र (Steel Authority of India Limited Chandrapur Ferro Alloy Plant) में भारतरत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की पूर्णाकृति प्रतिमा का अनावरण समारोह सोमवार को है।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्नेहमंच प्रांगण, सेल सीएफपी, चंद्रपुर में अनिर्बान दासगुप्ता, निदेशक प्रभारी (भिलाई इस्पात संयंत्र), सेल एवं अतिरिक्त प्रभार निदेशक प्रभारी (आईएसपी, बर्नपुर एवं डीएसपी, दुर्गापुर), सेल के हाथों शाम साढ़े 5 बजे अनावरण किया जाएगा।

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कार्यपालक निदेशक, सेल-चंद्रपुर फेरो अलॉय संयंत्र, चंद्रपुर सेल एससी-एसटी कर्मचारी वेलफेयर असोसिएशन चंद्रपुर के पदाधिकारियों के अलावा स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड चंद्रपुर फेरो अलॉय संयंत्र के कार्मिक मौजूद रहेंगे। सेल की अन्य इकाइयों के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं।

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समता सैनिक दल, चंद्रपुर द्वारा प्रतिमा को सलामी एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया जाएगा। चंद्रपुर फेरो अलॉय संयंत्र सेल के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार गजभिये के संयोजन में नरेशबाबु पुगलिया, पूर्व सांसद, अध्यक्ष (महाराष्ट्र इलेक्ट्रोस्मेल्ट कामगार यूनियन, चंद्रपुर), विनय गौड़ा जी.सी., भा.प्र.से. (जिला अधिकारी एवं जिला दंडाधिकारी, चंद्रपुर), विवेक जॉनसन, भा.प्र.से. (मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिल्हा परिषद, चंद्रपुर), मुमक्का सुदर्शन, भा.पु.से. (पुलिस अधीक्षक, चंद्रपुर), विपिन पालीवाल, आयुक्त व प्रशासक (चंद्रपुर शहर महानगर पालिका), अजय कुमार चक्रवर्ती, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन), भिलाई इस्पात संयंत्र, सेल, डॉ. के. रामाकृष्णा, कार्यपालक निदेशक (संकार्य), दुर्गापुर इस्पात संयंत्र, सेल समारोह के साक्षी बनेंगे।

बता दें कि चंद्रपुर का इतिहास गोंड राजाओं से जुड़ा है, जो 12वीं से 18वीं शताब्दी तक यहाँ शासन करते थे। बाद में मराठा भोंसले ने इसे जीत लिया और 1854 से 1947 तक यह ब्रिटिश मध्य प्रांत का हिस्सा रहा। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 16 अक्टूबर 1956 को चंद्रपुर में अपने अनुयायियों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी।

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डॉ. भीमराव अंबेडकर और चंद्रपुर:

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने 16 अक्टूबर 1956 को चंद्रपुर में अपने अनुयायियों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी। बौद्ध धर्म का प्रभाव है। अंबेडकर के बौद्ध धर्म अपनाने और दीक्षा देने के बाद, चंद्रपुर बौद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया। दीक्षाभूमि परिसर में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर कॉलेज ऑफ आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस भी स्थित है।

धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस

15 और 16 अक्टूबर को, धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस के लिए अनुयायियों और भिक्षुओं की एक वार्षिक तीर्थयात्रा होती है। अंबेडकर ने बौद्ध धर्म के लोगों के दीक्षा के लिए नागपुर और चंद्रपुर को चुना था।