- भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा के साथ उद्योग जगत की बातचीत।
- जनसांख्यिकीय लाभांश और श्रम सुधार भविष्य के विकास को गति देंगे: डावरा।
- भारत में पिछले पांच वर्षों (2021-22 तक) के दौरान 8 करोड़ नए रोजगार के अवसर सृजित हुए।
- 2023-24 के दौरान एनसीएस पोर्टल पर 1 करोड़ से अधिक रिक्तियां जुटाई गईं।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। हैदराबाद में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और भारतीय नियोक्ता संघ (ईएफआई) द्वारा आयोजित उद्योग जगत से मेल-जोल में भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने भाग लिया।
अपने उद्घाटन भाषण में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने भारत की तीव्र विकास दर पर प्रकाश डालते हुए इस बात पर बल दिया कि विनिर्माण, सेवा क्षेत्र के विस्तार, बुनियादी ढांचे आदि विकास इंजनों के साथ-साथ भविष्य के विकास को गति देने के लिए भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश और श्रम सुधार, महत्वपूर्ण हैं।
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डावरा ने असंगठित और अनौपचारिक क्षेत्रों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज के विस्तार के महत्व को रेखांकित किया, साथ ही कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में शासन सुधारों की आवश्यकता को भी स्वीकारा।
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उन्होंने ईएसआईसी (ESIC) और ईपीएफओ (EPFO) में शुरू किए गए विभिन्न प्रणालीगत सुधारों, जैसे दावों का स्वत: निपटान, अस्वीकृति में कमी, और ईपीएफओ में दावों के निपटान की गति में सुधार, साथ ही ईएसआईसी में सेवाओं की कवरेज और गुणवत्ता में वृद्धि पर भी प्रकाश डाला।
डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस और अनुपालन
बातचीत के दौरान, ईएसआईसी (ESIC) और ईपीएफओ (EPFO में विभिन्न प्रणालीगत सुधारों पर प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस और अनुपालन सरलीकरण जैसे विषयों को रेखांकित किया गया, तथा इन प्रणालियों को और बेहतर बनाने के लिए प्रतिभागियों से सुझाव एकत्र करने के उद्देश्य से चर्चा की गई।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के राष्ट्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल को भी कैरियर परामर्श और रोजगार नेटवर्किंग के लिए एक व्यापक समाधान के रूप में प्रदर्शित किया गया। इस बात पर प्रकाश डाला गया कि 2023-24 के दौरान एनसीएस पोर्टल पर 1 करोड़ से अधिक रिक्तियां जुटाई गईं।
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श्रम बाजार में मांग-आपूर्ति के अंतर को कम किया जा सकेगा
पोर्टल कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय से SIDH डेटाबेस को भी एकीकृत कर रहा है ताकि श्रम बाजार में कौशल अंतर को कम करने के लिए पोर्टल पर कुशल नौकरी चाहने वालों का समृद्ध समूह उपलब्ध हो सके।
बताया गया कि दोनों मंत्रालयों के डेटाबेस का चल रहा एकीकरण युवाओं को कौशल और रोजगार दोनों से प्रभावी रूप से जोड़ेगा, जिसके परिणामस्वरूप श्रम बाजार में मांग-आपूर्ति के अंतर को कम किया जा सकेगा।
श्रम, रोजगार मंत्रालय, ईपीएफओ, ईएसआईसी और तेलंगाना के अधिकारी…
इस सत्र में 300 से अधिक उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो भारत के आर्थिक परिदृश्य को आकार देने वाले महत्वपूर्ण श्रम और रोजगार सुधारों पर चर्चा में भाग लेने के लिए उत्सुक थे। श्रम और रोजगार मंत्रालय, ईपीएफओ, ईएसआईसी और तेलंगाना राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी इस सत्र में शामिल हुए।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य रोजगार सृजन, श्रम सुधार और भारत में व्यापार करने में आसानी पर केंद्रित रह कर, सरकारी अधिकारियों और उद्योग हितधारकों के बीच संवाद को बढ़ाना था।