- 12 आसनों का संयोजन है, जो श्वसन क्रियाओं, ध्यान और शारीरिक व्यायाम का समन्वय प्रस्तुत कर रहा है।
सूचनाजी न्यूज़, भिलाई। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के स्वागत में सेल- भिलाई इस्पात संयंत्र (SAIL – Bhilai Steel plant) के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (Jawaharlal Nehru Hospital and Research Centre) के मुख्य द्वार पर स्थित पं. रविशंकर शुक्ल चौक (सेक्टर-9 चौक) में सूर्यनमस्कार की भव्य कलात्मक मूर्ति का अनावरण किया गया। यह कलाकृति भारत की प्राचीन योग परंपरा को समर्पित एक सांकेतिक श्रद्धांजलि है, जिसमें सूर्यनमस्कार के बारह योगिक आसनों को कलात्मक शैली में दर्शाया गया है।
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इस प्रतिमा का अनावरण कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) पवन कुमार द्वारा 6 जून 2025 को एक गरिमामयी समारोह में किया गया। इस अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (एमएंडयू) विजय कुमार बेहरा, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) संदीप माथुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. विनीता द्विवेदी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकत्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. उदय कुमार, मुख्य महाप्रबंधक (नगर प्रशासन एवं सीएसआर) उत्पल दत्ता, अध्यक्ष (सेफी एवं ओए) एन. के. बंछोर तथा ओ.ए. के महासचिव परविन्दर सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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इस प्रतिमा की डिजाइनिंग टाउन आर्किटेक्ट प्लानिंग सेक्शन, नगर सेवाएं विभाग के उमाशंकर राव द्वारा की गई थी।
यह संपूर्ण रूप से संयंत्र के स्टील प्लेटों का उपयोग करके इन-हाउस संसाधनों से निर्मित की गई है, जो बीएसपी की आंतरिक डिज़ाइन एवं अभियांत्रिकी क्षमता को दर्शाती है। इसका निर्माण नगर सेवाएं विभाग द्वारा यांत्रिकी एवं उपयोगिता विभाग के सहयोग से संपन्न किया गया।
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इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे, जिनमें महाप्रबंधक (एम एंड एस- मेडिकल) एस. एम. शाहिद अहमद, महाप्रबंधक (टीएसडी) विष्णु के. पाठक, महाप्रबंधक (उद्यानिकी – टीएसडी) डॉ. एन. के. जैन आदि प्रमुख रहे।
कार्यक्रम में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) श्री पवन कुमार ने इस पहल को योग दिवस की भावना के अनुरूप एक सार्थक पहल बताया। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय के प्रवेश द्वार पर इस सूर्यनमस्कार कलाकृति की स्थापना यह संदेश देती है कि योग और नियमित शारीरिक क्रियाएं हमें रोगों से दूर रख सकती हैं। उन्होंने कहा की “यदि हम अनुशासित और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनाएं, तो चिकित्सालय की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी”।
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मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (एम एंड यू) विजय कुमार बेहरा ने परियोजना से जुड़े सभी विभागों को बधाई देते हुए कहा, “मैं जेएलएन चिकित्सालय के निकट ही निवास करता हूँ और निर्माण के दौरान अक्सर राहगीरों को इसे उत्सुकता से देखते पाया। अब यह मूर्ति न केवल सौंदर्य को बढ़ा रही है, बल्कि यह रोज़मर्रा में योग के महत्व की याद भी दिलाती है।”
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मुख्य महाप्रबंधक (टीए एवं सीएसआर) उत्पल दत्ता ने सूर्यनमस्कार की भव्य कलात्मक मूर्तियों व टाउनशिप में सड़क और चौराहों के सौंदर्यीकरण की पहल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह परियोजना रिकॉर्ड समय में टीम भावना से पूरी की गई, और इसी सामूहिक सहयोग से आने वाले समय में और भी परियोजनाएँ साकार होंगी।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनीता द्विवेदी ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैं स्वयं योग का अभ्यास करती हूँ और इसके प्रभाव को महसूस किया है। यह कलाकृतियां न केवल परिसर की शोभा बढ़ा रही है, बल्कि स्वस्थ जीवन का जन संदेश भी दे रही है।”
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इस अवसर पर महाप्रबंधक (टीएसडी) विष्णु के. पाठक ने मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
उल्लेखनीय है कि सूर्यनमस्कार योग की एक मुख्य क्रिया है जिसमें 12 आसनों का संयोजन होता है, जो श्वसन क्रियाओं, ध्यान और शारीरिक व्यायाम का समन्वय प्रस्तुत करता है। यह स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के लिए एक संपूर्ण अभ्यास माना जाता है।