इंटक महासचिव बहादुर सिंह के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने सीजीएम सेफ्टी जीपी सिंह से पूछा कि क्यूआर कोड लगाने की जरूरत क्यों है… और गेट पर विवाद की स्थिति होने पर कौन जिम्मेदार होगा?
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट में 19 जून से प्लांट के अंदर जाने वाले सभी कर्मचारियों को उनके वाहन का क्यूआर कोड अनिवार्य करने को लेकर विरोध शुरू हो गया है। इंटक महासचिव बहादुर सिंह के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने सीजीएम सेफ्टी जीपी सिंह से पूछा कि क्यूआर कोड लगाने की जरूरत क्यों है… और गेट पर विवाद की स्थिति होने पर कौन जिम्मेदार होगा?
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इंटक महासचिव वंश बहादुर सिंह ने सीजीएम सेफ्टी जीपी सिंह से कहा कि क्यूआर कोड की अनिवार्यता क्यों है? उन्होंने कहा कि यदि इसके कारण प्लांट गेट पर कर्मचारियों की लंबी लाइन लगी एवं सीआईएसफ द्वारा अभद्रता किया गया तो विवाद की स्थिति निर्मित होगी, जिसके लिए पूरी तरह से प्रबंधन जिम्मेदार होगा।
सीजीएम सेफ्टी ने कहा कि क्यूआर कोड लगाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि प्लांट के अंदर रोड सेफ्टी के लिए असुरक्षित तरीके से वाहन चलाने वालों की जांच की जाती है एवं अलग-अलग कैमरों से निगरानी की जाती है, यह देखा गया है कि कई बार गाड़ियों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता है। इसके कारण हम वाहन चालक का पता नहीं लगा पा रहे हैं। यह पूरी तरह से सड़क सुरक्षा को और बेहतर करने के लिए उठाया गया कदम है।
उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ के उच्च अधिकारियों से बैठक कर यह समझाइश दी जा रही है कि गेट पर किसी भी कर्मचारी से अभद्रता ना की जाए और यह भी ध्यान रखा जाए कि क्यूआर कोड जांच के कारण लंबी लाइन ना लगे। उन्होंने कहा कि कई कर्मचारी मार्केट से क्यूआर कोड प्रिंट करा रहे हैं, जोकि पूरी तरह से अवैध है। उनको स्कैन करने पर इनवेलिड व्हीकल लिखा हुआ आता है। इसीलिए कर्मचारियों से अपील किया गया है कि बीएसपी के ई सहयोग से ही क्यूआर कोड प्रिंट कराएं।
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इन मुद्दों पर भी यूनियन नेताओं ने सीजीएम सेफ्टी से चर्चा की
-उप महासचिव शिव शंकर सिंह ने कहा कि सीआईएसएफ के जवान गेट पास चेक करते समय कॉउ कैचर के पास आ जाते हैं, जिससे कर्मचारी की गाड़ी अनियंत्रित हो जाती है। इस पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि मार्स 1 में फिक्स गैस मॉनिटर के लिए व्यवस्था किया जाए।
-वरिष्ठ सचिव राजकुमार ने कहा की नाइट शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारियों को रिफ्लेक्टिव सेफ्टी जैकेट दिया जाए, ताकि दुर्घटना से बचा जा सके।
-जयंत बराटे ने सभी हॉटशॉप में हीट प्रूफ जैकेट उपलब्ध कराने को कहा।
-सीपी वर्मा ने कहा कि बहुत से ठेकेदार ठेका श्रमिकों से महीने में लगातार 30 दिन काम करा रहे हैं एवं कई जगह लगातार डबल शिफ्ट भी कराते हैं, जिससे उन्हें रेस्ट नहीं मिल पाता है। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
-रेशम राठौर ने कहा कि नाइट शिफ्ट में कई बार कर्मचारियों को आउट गेट से प्रवेश दिया जाता है, जो कि असुरक्षित है। मुख्य महाप्रबंधक ने इस मामले में सीआईएसएफ के अधिकारियों से चर्चा कर समाधान निकालने का आश्वासन दिया।
-मुख्य महाप्रबंधक जीपी सिंह ने कहा कि सीआईएसएफ के जवानों को काऊ कैचर से दूर गेट पास चेक करने कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि जो विभाग रिफ्लेक्टिव जैकेट एवं हिट प्रूफ जैकेट का डिमांड भेजेगा, उसको तुरंत उपलब्ध कराया जाएगा।
बैठक के दौरान ये पदाधिकारी रहे मौजूद
इस दौरान महासचिव वंश बहादुर सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष पूरन वर्मा, उप महासचिव धनेश प्रसाद, रामाशंकर सिंह, सीपी वर्मा, शिव शंकर सिंह, जयंत बराठे, पीके विश्वास, अनिमेष पसीने, उपाध्यक्ष अजय कुमार मार्टिन, वरिष्ठ सचिव रेशम राठौर, राजकुमार, रमन मूर्ति, जीके अग्रवाल, गुरुदेव साहू उपस्थित थे।