Bokaro Steel Plant से आ रही ये खास खबर, कर्मचारियों के लिए कोर्ट तक जाने की बात

  • बीएकेएस पदाधिकारियों ने कर्मचारियों के साथ परिचर्चा की। बुनियादी सुविधाओं के लिए घेराबंदी करने की बात कही।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बीएकेएस बोकारो (BAKS Bokaro) की टीम यातायात विभाग के कर्मचारियों से मुखातिब हुई। कर्मचारियों ने अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए यूनियन पदाधिकारियो से काफी प्रश्न किया, जिसका समुचित उत्तर दिया गया। अध्यक्ष हरिओम और महासचिव दिलीप कुमार ने जवाब दिया।

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आज की मीटिंग मे अध्यक्ष हरिओम, उपाध्यक्ष मुश्ताक आलम,  महासचिव दिलीप कुमार, उपमहासचिव आशुतोष आनंद, यातायात विभाग के कार्यकारिणी सदस्य राकेश कुमार के साथ सभी पदाधिकारी मौजूद थे।

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जानिए कर्मचारियों ने क्या गंभीर प्रश्न किया

प्रश्न: एनजेसीएस में रिटायर तथा बाहरी लोग कर्मचारियों का प्रतिनिधि कैसे बन जाते हैं?

उत्तर: एनजेसीएस इस्पात मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी है। उस समय की कुछ यूनियन समुह के प्रतिनिधियों तथा मैनेजमैंट प्रतिनिधियों (बोकारो, भिलाई, दुर्गापुर, एएसपी, राउरकेला, सेलम, भद्रावती) को शामिल कर उसका गठन किया गया था।

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औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के प्रावधानों के तहत एनजेसीएस में केवल निर्वाचित प्रतिनिधि ही जा सकते हैं, लेकिन किसी यूनियन ने इसका शिकायत नहीं किया। न ही न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया, जिसके कारण बगैर सदस्यता वेरिफिकेशन के ही प्रत्येक यूनियनों को तीन-तीन नॉमिनेटेड सीट दिया गया है। वहीं, नौ यूनिटों में से मात्र चार में ही यूनियम चुनाव के माध्यम से प्रतिनिधि यूनियन का चुनाव होता है।

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पांच यूनिट में फर्जी तरीके से खास यूनियनों और उनके नेताओं को रिकॉगनाईजेशन का लाभ दिया जा रहा है।

अध्यक्ष व महासचिव ने कहा-हमारी तथा भिलाई की यूनियन ने विधिवत सीएलसी तथा श्रम मंत्री को पत्र लिखा है, जिस पर संज्ञान लेते हुए डीएलसी रायपुर को जांच का जिम्मा दिया गया है।

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वहीं, हम लोग बोकारो यूनिट में चुनाव के लिए दो दो पत्र सीएलसी, डीएलसी धनबाद और श्रम मंत्री को लिखे है। वहां से कुछ पहल नहीं होने पर न्यायालय की शरण में जाएंगे, उसकी भी तैयारी चल रही है।

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प्रश्न: वर्तमान मीटिंग हॉल “रेस्ट रुम” की हालत आप सभी देख रहे हैं। यातायात विभाग के सभी लोकेशन का शौचालय, पानी की व्यवस्था, लाइट, यार्ड में सफाई आदि को देख रहे हैं, इसके लिए आप लोग क्या करने वाले है?

उत्तर: कारखाना अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत नियोक्ता की जिम्मेदारी है कि वह अपने कार्मिकों के लिए स्वच्छ शौचालय, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, आरामदायक रेस्ट रूम (बिजली, पंखा, सफाई के साथ) की व्यवस्था करे।

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कैंटीन में अच्छी गुणवत्ता की सामाग्री उचित मूल्य पर हो। इसके लिए हमारी टीम प्रत्येक विभाग के कार्यकारिणी सदस्यों से फीडबैक ले रही है। उसके बाद संबंधित विभाग के मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक, उससे जुड़े कार्मिक प्रबंधक, कारखाना निरीक्षक को फोटो के साथ पत्र लिखेगी।

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