छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह की 167वीं पुण्यतिथि पर बीएसपी कार्मिकों ने कही बड़ी बात…

167th death anniversary of Chhattisgarh's first martyr Veer Narayan Singh
आजादी के 75 साल बाद भीं आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन' के साथ-साथ अपने सम्मान के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
  • शहीद वीर नारायण सिंह के सामाजिक योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि वे सही मायने में गरीबों के मसीहा थे।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ की शान, सन 1857 के क्रांति के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी, छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीर नारायण सिंह की 167वीं पुण्यतिथि पर भिलाई इस्पात संयंत्र एससी/एसटी एम्पलाईज एसोसिएशन ने पुष्पांजलि अर्पित किया।

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मुख्य अतिथि भिलाई इस्पात संयंत्र के ऊर्जा प्रबंधन विभाग के महाप्रबंधक कमल कुमार टंडन ने शहीद वीर नारायण सिंह की तैलचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में शहीद वीर नारायण सिंह के सामाजिक योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि वे सही मायने में गरीबों के मसीहा थे। जिन्होंने सन 1856 की भीषण अकाल के समय दाने-दाने के लिये तरसती हुई। जनता को जमींदारों के अन्न भंडारों को लूट कर बांट दिया, जिसके कारण उस क्षेत्र के जमींदारों एवं अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें अपना दुश्मन मान बैठा और 10 दिसम्बर 1857 को रायपुर के जय स्तम्भ चौक में उन्हें फांसी दी गई। तोप से भी उड़ा दिया गया।

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कार्यक्रम के उपस्थित विशिष्ट अतिथि श्याम लाल नेगी-उपमहाप्रबंधक, टीएण्डडी भिलाई इस्पात संयंत्र ने कहा कि हमारे पूर्वज सदियों से अपनी अस्मिता, आत्मसम्मान एवं जल जंगल जमीन की लडाई लड़ते आ रहे हैं। और आज भी यह लड़ाई निरंतर जारी है।

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आदिवासियों के सम्मान और सुरक्षा के लिए लोगों ने अपना बलिदान दिए हैं। आजादी के 75 साल बाद भीं आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन’ के साथ-साथ अपने सम्मान, संस्कृति एवं सुरक्षा के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है। कहीं हमें नक्सलवादी कहा जा रहा है, तो कहीं पर विकास के नाम हमें हमारे घरों से पर बेदखल किया जा रहा है। हमें हमारे पूर्वजों की बलिदानों से प्रेरणा लेकर अपनी लडाई संगठित एवं योजनाबद्ध तरीके से लडनी होगी।

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एसोसिएशन के अध्यक्ष कोमल प्रसाद ने कहा कि हम अपने बहुजन महापुरुषों के बलिदांनों को याद करें, उनसे प्रेरणा लें, क्योंकि जो समाज अपना इतिहास नहीं जानता वो समाज कभी इतिहास नहीं बना सकता। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बुद्धिजीवी वर्गों से आह्वान करते हुए कहा कि हमें अपने हक अधिकार के लिये संवैधानिक तरीके से संगठित होकर, एक मंच पर आकर संघर्ष करना होगा। नहीं तो हमें तोड़ने वाले तो आंखें गडाये बैठे हैं। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना होगा।

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एसोसिएशन के जोनल सचिव उत्तम मंडावी ने भी अपने विचार रखे। पुष्पाजली कार्यक्रम का संचालन एसोसिएशन के महासचिव विजय कुमार रात्रे ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यकारी अध्यक्ष चेतन लाल राणा ने किया।

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कार्यक्रम में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश सूर्यवंशी, कुमार भारद्वाज, शशांक प्रसाद, रमेश चंदवानी, संगठन सचिव परमेश्वर कुर्रे, कोषाध्यक्ष अनिल कुमार खेलवार, उपकोषाध्यक्ष नरेश चंद्र, जोनल सचिव संत ज्ञानेश्वर गायकवाड, कालीदास बघेल, संजय कुमार, कुजलाल ठाकूर, यशवंत नेताम कार्यकारणी सदस्य एमएम राय, धरमपाल, जीतेन्द्र कुमार भारती मुक्तावन दास आदि उपस्थित थे।

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