- छत्तीसगढ़ ईपीएफओ रायपुर कार्यालय के सामने अपना गुस्सा जाहिर किया।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। ईपीएस 95, न्यूनतम पेंशन आदि को लेकर दिल्ली में 4 अगस्त राष्ट्रीय संघर्ष समिति के शीर्ष पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस ने इनके खिलाफ कार्रवाई की। इससे आक्रोशित पेंशनर्स ने देशभर में विरोध-प्रदर्शन किया। छत्तीसगढ़ ईपीएफओ रायपुर कार्यालय के सामने अपना गुस्सा जाहिर किया।
ये खबर भी पढ़ें: 70 लाख पेंशनर्स के लिए बड़ी खबर, जीवन प्रमाणपत्र पर अपडेट
पुलिस के रवैए के विरोध में छत्तीसगढ़ में ईपीएफओ कार्यालय के समक्ष सैकड़ों ईपीएस-95 पेंशनर्स इकठ्ठे हुए और नारे लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया। मांग करते रहे कि संबंधित पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाए।
राज्य अध्यक्ष एलएम सिद्दीकी ने संबोधित किया। निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। एलएम सिद्दीकी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने कार्यालय में जाकर क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त को केंद्रीय श्रम मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। प्रतिनिधि मंडल में एलएम सिद्दीकी, वन विकास सेवा निवृत्त कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नारायण भावसार, एचएससीएल रिटायर्ड इम्प्लाइ वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कुरैशी, राजनांदगांव एनएसी के अध्यक्ष आरके वर्मा, एजाज़ुर रहमान, जीपी सिंह, पीआर वट्टी अध्यक्ष, कांकेर जिला डीएस कुशवाहा, एफसीआई रिटायर्ड इम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन, बचेली एनएमडीसी रिटायर्ड एम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डी साहू, सचिव आरएल साहू, किरंदुल एनएमडीसी रिटायर्ड एम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव जफर अली, संगठन सचिव रमेश देशमुख, बीजे पटनायक, सुरिंदर कौर उपस्थित थीं।
एलएम सिद्दीकी ने क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त से उच्च पेंशन के आवेदनों के संदर्भ में पूर्व मांग को पुनः दोहराया। उन्होंने कहा कि योग्य पात्रों से “अंतर की राशि” को सीधे जमा न करवा कर “ईपीएफओ द्वारा देय पेंशन एरियर्स” के साथ समायोजित करें। उन्होंने क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के पत्र 10 जुलाई 2019 का हवाला दिया, जिसमें पेंशनर से जमा की जाने वाली राशि का हवाला देता हुए अन्य सम्पूर्ण विवरण दिया गया था।
ये खबर भी पढ़ें: आदिवासी दिवस पर बीएसपी एससी-एसटी इम्प्लाइज एसोसिएशन ने फोड़ा बम
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त से बैठक के पश्चात दूसरा ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम कलेक्टर कार्यालय में सौंपा गया। इस ज्ञापन में भी न्यूनतम पेंशन में वृद्धि के अतिरिक्त विशेष तौर पर संबंधित उन पुलिस वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई। जिन्होंने कमांडर अशोक राउत के साथ अपमानजनक व्यवहार किया था।