SAIL Bonus मीटिंग ताजा खबर: कर्मचारियों के बोनस पर फैसला मुश्किल, अब आया ये अपडेट

  • दिल्ली में एनजेसीएस मीटिंग होती रही। इधर-सोशल मीडिया पर सेल कर्मचारी प्रबंधन और यूनियन पर भड़ास निकालते रहे।

अज़मत अली, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल  कर्मचारियों के बोनस को लेकर दिल्ली में मीटिंग चल रही है। अंदर से तो खबर निकल रही है, वह कर्मचारियों को बेचैन करने वाली है। एनजेसीएस यूनियन के एक सदस्य ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि प्रबंधन के साथ वार्ता जारी है।

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लंच के बाद से लेकर शाम 4.40 बजे तक बातचीत का दौर ही चलता रहा। प्रबंधन ने 22579 रुपए बोनस देने की बात पर अड़ा हुआ है। इससे अधिक राशि देने के मूड में नहीं है। बोनस फॉर्मूले और प्रॉफिट को आधार बनाकर प्रबंधन ने 22579 रुपए देने की बात बोली है। फिलहाल, बहस जारी है।

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यूनियन नेताओं ने 40 हजार 500 रुपए से अधिक बोनस देने की मांग की है। पिछले साल 40500 रुपए ही कर्मचारियों को बोनस दिया गया था। कंपनी ने करीब 12 हजार करोड़ का प्रॉफिट कमाया था। इस बार हालात विपरित बताए जा रहे हैं।

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बैठक में इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर जी. संजीवा रेड्‌डी, बोकारो से बीएन चौबे, एटक से डी आदिनारायण और रामाश्रय प्रसाद, एचएमएस से संजय वढावकर, बोकारो से राजेंद्र सिंह, सीटू से ललित मोहन मिश्र व विश्वरूप बनर्जी समेत अन्य यूनियन के सदस्य बैठक में शामिल हुए हैं।

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इधर-सोशल मीडिया पर सेल बोनस को लेकर गर्माहट बनी हुई है। कोल इंडिया, नाल्को इत्यादि का आंकड़ा पेश करके कर्मचारी हायर बोनस की मांग कर रहे। कर्मचारी कमेंट करते रहे कि सेल वर्करों में हाई बोनस की उठने वाली मांग को नीचे लेवल में लाकर रोकने के लिए प्रबंधन के द्वारा यह छल नीति अपनाई जा रही है।

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प्रबंधन के द्वारा जो कुछ किया जा रहा है, वह उनके चाल या कहें या रणनीति का हिस्सा। प्रबंधन वर्कर्स की मांग को सीमित करने के इरादे में है। शतरंज के खेल में जिस तरह अपने चालों में फंसाकर शह और मात दिया जाता है, ठीक वैसे ही खेल यहां पर बोनस समझौते में दिख रहा है। वहीं, एक कर्मी ने कमेंट करते हुए लिखा-मामला मैच फिक्सिंग का दिखाई पड़ रहा है।

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बीएसपी के कर्मचारी ने यहां तक लिख दिया कि यह कर्मचारियों को खुद सोचना है कि वेज रीविजन समझौता, बोनस समझौता न तो कर्मचारियों के अनुसार है, न ही एनजेसीएस संविधान के अनुसार। तो फिर ये नेता क्यों उस फॉर्मूले में अपना दिमाग खपा रहे हैं। यह जलेबी फॉर्मूला पूरी तरह कर्मचारियों को मूर्ख बनाने के लिए ही लाया गया है। जबकि कोल इंडिया में 85000, नालको में 124000-150000, एनएमडीसी में 135000, एनटीपीसी/पावरग्रीड में PRP फॉर्मूला के तहत 112000-175000 तक दिया गया।

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