EPFO की ताजा खबर: जीवन प्रमाण दीजिए, पेंशनर्स जमा कर रहे लाइफ सर्टिफिकेट, 30 नवंबर तक मौका

राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र अभियान 2.0 भारत के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 100 शहरों में 500 स्थानों पर चलाया जा रहा है

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। रिटायरमेंट के बाद पेंशन ही सहारा बनती है। उम्र के आखिरी पड़ाव में पेंशन का सहारा छूटने न पाए, इसलिए आप सतर्क हो जाइए। डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र का इस्तेमाल करके आप पेंशन का अधिकार बरकरार रखिए। देश भर में 25 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र तैयार किए गए।

डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र का फेस ऑथेंटिकेशन सबमिशन पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण-पत्र जमा करना सहज और सरल है। सभी स्थानों पर सभी हितधारकों, विशेषकर बीमार, अत्यंत वृद्ध पेंशनभोगियों के बीच काफी उत्साह देखा गया है।

इसके फलस्वरूप चालू वित्त वर्ष में अभियान के शुभारंभ के दूसरे सप्ताह के अंत तक 25 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र तैयार किए गए हैं, जिनमें से 90 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 14,500 पेंशनभोगी और 80-90 वर्ष की आयु के बीच के 1,93,601 पेंशनभोगी हैं।

वे अपने घर,स्थान,कार्यालयों,शाखाओं से अपनी डीएलसी जमा कर सकते हैं। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं, जहां एक महीने तक चलने वाले अभियान के दूसरे सप्ताह में कुल मिलाकर 6.25 लाख डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र तैयार किए गए हैं।

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के ‘जीवनयापन में सुगमता’ को बढ़ाने के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र (डीएलसी) यानी जीवन प्रमाण को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित कर रहा है।

2014 में बायोमेट्रिक उपकरणों का उपयोग करके डीएलसी जमा करना शुरू किया गया था। विभाग ने इसके बाद आधार डेटाबेस पर आधारित फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम विकसित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा यूआईडीएआई के साथ काम किया, जिससे किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्ट फोन से जीवन प्रमाण जमा करना संभव हो सके।

स्मार्टफोन-आधारित तकनीक

इस सुविधा के अनुसार फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के माध्यम से किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित की जाती है और डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र जेनरेट किया जाता है। नवंबर 2021 में लॉन्च की गई इस महत्वपूर्ण तकनीक ने पेंशनभोगियों की बाहरी बायो-मीट्रिक उपकरणों पर निर्भरता को कम कर दिया और स्मार्टफोन-आधारित तकनीक का लाभ उठाकर इस प्रक्रिया को जनता के लिए अधिक सुलभ और किफायती बना दिया।

डीएलसी-फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के उपयोग

डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए डीएलसी/फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के उपयोग के लिए केंद्र सरकार के सभी पेंशनभोगियों के साथ-साथ पेंशन वितरण प्राधिकरणों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से पेंशन तथा पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने नवंबर 2022 में देश के 37 शहरों में राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया। केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के 35 लाख से अधिक डीएलसी जेनरेट होने के साथ यह अभियान बहुत सफल रहा।

एक राष्ट्रव्यापी अभियान 2.0 अब 1 से 30 नवंबर, 2023 तक देश भर के 100 शहरों में 500 स्थानों पर चलाया जा रहा है। इस अभियान में 17 पेंशन वितरण बैंकों, मंत्रालयों/विभागों, पेंशनभोगी कल्याण संघों, यूआईडीएआई तथा इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से 50 लाख पेंशनभोगियों को लक्षित किया गया है।