CITU ने कहा-प्रधानमंत्री से 39 माह का एरियर्स दिलाने की बात कहना चुनावी जुमला

  • वेतन समझौता के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मजदूर नीति को मंजूरी दी गई थी।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) सियासी पार्टियों के बीच हो रहा है। लेकिन, भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के कर्मचारी भी अपने मुद्दे को लेकर मैदान में उतरे हुए हैं।

ये खबर भी पढ़ें :  CG Election 2023: वोटर टर्नआउट एप से मिलेगी मतदान प्रतिशत की पूरी जानकारी, रहिएगा अपडेट

सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जुमलेबाजों के खिलाफ कांग्रेस के पक्ष में मतदान करें। क्योंकि भाजपा के कथन अनुसार प्रधानमंत्री के दुर्ग आगमन पर भिलाई के भाजपा नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी सौंपा कर प्रधानमंत्री के कानों में यह बात डाली थी कि भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मी 39 माह के एरियर्स को लेकर परेशान हैं।

ये खबर भी पढ़ें :  EPFO की ताजा खबर: जीवन प्रमाण दीजिए, पेंशनर्स जमा कर रहे लाइफ सर्टिफिकेट, 30 नवंबर तक मौका

इस समस्या का समाधान किया जाना जरूरी है। सीटू इस मुद्दे पर दो टूक कहना चाहता है कि यदि भिलाई की भाजपा एवं प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर वाकई चिंतित हैं।

कर्मियों के समस्याओं का समाधान करना चाहते थे, तो 16 नवंबर शाम तक भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सेल के कर्मियों के खाते में 39 माह का एरियर्स का बकाया राशि पहुंचवा देते, जो कि नहीं कर पाए।

ये खबर भी पढ़ें :  वित्त वर्ष 2023-24: NMDC ने टर्नओवर में 21% और PBT में 18% की लगाई छलांग

इसीलिए भिलाई की जनता यह समझ गई है कि वह चुनावी जुमला था। भाजपा को 50 ग्राम सोने के संदर्भ में भी जवाब देना चाहिए था, जिस पर वह मौन है।

ये खबर भी पढ़ें :  Durg शहर Live : शाम ढलते BJP कार्यालय पर ताला, गलियों का चक्कर लगाते रहे वोरा और यादव, बाइक रैली के लिए बनी तेल की पर्ची

यह था केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक उद्योगों के वेतन समझौता के लिए लिया गया निर्णय

सीटू का कहना है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक उद्योगों में काम करने वाले कामगारों के लिए वेतन समझौता के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मजदूर नीति को मंजूरी दी गई, जिसमें कहा गया कि 31 दिसंबर 2016 को जिन सार्वजनिक उद्योगों का वेतन समझौता की अवधि समाप्त हो चुकी है।

ये खबर भी पढ़ें :  CG Elections: गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने गोवर्धन पूजा पर ग्रामीणों के बीच गुजारा समय, होता रहा प्रचार

वहां, पर वेतन समझौता के लिए अफॉर्डेबिलिटी (किफायतता) और फाइनेंशियल सस्टेनेबिलिटी (वित्तीय धारणीयता) को ध्यान में रखते हुए उन उद्योगों के प्रबंधन, मजदूरों का वेतन समझौता करने के लिए स्वतंत्र होगा। अर्थात अफॉर्डेबिलिटी एवं फाइनेंशियल सस्टेनेबिलिटी केंद्र सरकार द्वारा थोपी गई शर्तें हैं।

ये खबर भी पढ़ें :  Bhilai Steel Plant में अब प्लेटों का डिस्पैच बढ़ेगा कई गुणा, C&IT ने बनाया सिस्टम

केंद्र सरकार ने रोका है कर्मियों का एरियर्स

सीटू के महासचिव ने कहा-भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मियों की बहुप्रतीक्षित मांग 39 माह का एरियर्स कर्मियों को दिलाने के लिए लाल झंडा सहित सभी यूनियन ने एक स्वर से आंदोलनरत हैं। किसी लाल झंडा अथवा दूसरे झंडा के यूनियनों द्वारा इस एरियर्स को दिलाने में किसी भी तरह से बाधक नहीं है तो फिर 39 माह का एरियर्स क्यों नहीं दिया जा रहा है।

ये खबर भी पढ़ें :  SAIL बोनस: Bokaro Steel Plant में फिर हंगामा, अधिकारियों के तर्ज पर चाहिए 50% छूट

सच्चाई यह है कि 39 माह का एरियर्स शुद्ध रूप से प्रधानमंत्री कार्यालय के द्वारा सार्वजनिक उद्योगों के लिए दिए गए दिशा निर्देश के कारण रुका हुआ है, जिसे 22 नवंबर 2017 को पीआईबी दिल्ली ने सार्वजनिक किया था, जिसे पीआईबी के साइट पर जाकर देख सकते हैं।

ये खबर भी पढ़ें :  BJP सरकार बनी तो खुर्सीपार कालेज की बनेगी बिल्डिंग, बीएड पाठ्यक्रम होगा शुरू, CM बिस्वा सरमा दहाड़े