- मैत्रीबाग से मोबाइल, पासपोर्ट समेत महंगे सामान का बैग पार होने पर पुलिस पीछा करते पहुंची मुक्तांगन।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) के द्वारा संचालित मैत्रीबाग जू में एक बड़ी चोरी हो गई। महंगा मोबाइल, पासपोर्ट समेत कई कीमती सामान का बैग चोरों ने पार कर दिया। बैग गायब होने की खबर से हड़कंप मच गया। मैत्रीबाग में पहले खोजबीन की गई।
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पुलिस की मदद ली गई। सक्रियता दिखाते हुए पुलिस ने मोबाइल को ट्रैक किया। लोकेशन के आधार पर भिलाई की पुलिस पीछा करते-करते नया रायपुर तक पहुंच गई। पुरखौती मुक्तांगन (Purkhouti Muktangan) का लोकेशन मिला। वहां दर्जनों गाड़ियों को खंगाला गया। एक वाहन पर शक हुआ।
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पूछताछ करने पर राज खुला कि यही गाड़ी मैत्रीबाग से अब पहुंची है। तलाशी लेने पर बैग बरामद किया गया। यह पूरा वाक्या भिलाई स्टील प्लांट के महाप्रबंधक-इंवायरमेंट संजय कुमार के परिवार का है। संजय कुमार के भाई FSSAI के डायरेक्टर डाक्टर अमित शर्मा परिवार के साथ मैत्रीबाग पहुंच चुके थे।
जीएम साहब भी साथ में थे। इसलिए पुलिस की मदद भी तत्काल मिल गई। पुलिस की इस शानदार सक्रियता पर परिवार ने दोनों पुलिस कर्मियों को सम्मानित करने का फैसला किया। पुलिस कर्मियों ने उपहार लेने से ही इन्कार कर दिया।
पुलिस विभाग की मुस्तैदी और 6 घंटे का प्रयास
पुलिस विभाग की मुस्तैदी से 6 घंटे के प्रयास से असंभव सा कार्य संभव हो सका और बैग सही सलामत मिल सका। 60 किलोमीटर तक की दूरी तय की गई। डायरेक्टर अमित शर्मा, उनका पूरा परिवार पुलिस विभाग और हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट की तारीफ करते नहीं थक रहा है।
डॉक्टर अमित शर्मा स्वयं पुलिस कर्मी राजेश सिंह व अनूप शर्मा को सम्मानित किया। इस पूरे अभियान में राजेश सिंह, अनूप शर्मा, सनद पाल, राजेश शर्मा, ललित कुमार, Adl SP Prashant Shukla, DSP Dinesh Sinha की खास भूमिका रही।
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वाइट टाइगर देखने पहुंचे, लेकिन बैग गायब
दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए पूरा परिवार भिलाई आया हुआ है। यहां पर विश्व प्रसिद्ध व्हाइट टाइगर भी देखें। बच्चे मैत्रीबाग के झूलों का आनंद ले रहे थे। तालाब में बोटिंग की। इसी दौरान उन्हें पता चला कि उनका बैग नदारद है। कर्मचारियों को खबर दी। खोजबीन शुरू हुई। दो मोबाइल फोन, घर की चाबियां, जरूरी दस्तावेज, पासपोर्ट, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड भी इस बैग में थे।
स्मार्ट वॉच से ट्रैक किया बैग कहां जा रहा
-स्मार्ट वॉच के जरिए जब मोबाइल को ट्रैक करने की कोशिश की तो पता चला कि मोबाइल और बैग मैत्रीबाग में कहीं पर नहीं है।
-लेकिन थोड़ी देर में पता चला कि कोई उस बैग को लेकर रायपुर की तरफ नेशनल हाईवे के द्वारा जा रहा है।
-इस बात की सूचना तुरंत पुलिस विभाग को दी गई। क्राइम ब्रांच की मदद से उन्होंने मोबाइल को सर्विलांस में लिया और उसकी लोकेशन को ट्रेस करना चालू कर दिया।
-यह पता चला बैग लेकर व्यक्ति रायपुर की तरफ जा रहा है, उसका पीछा करते-करते रायपुर जाने पर उसकी लोकेशन मुक्तांगन के पास दिखाई दी।
-आसपास के गांव बस्ती में भी देखा गया। इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट (Institute of Hotel Management) के पास में पहले लोकेशन दिख रहा था। बाद में लोकेशन मुक्तांगन के सामने दिखने लगा।
-यहां पर जाकर उसका मूवमेंट बंद हो गया था, लेकिन एक बहुत बड़ी समस्या थी कि मुक्तांगन में हजारों दर्शक मौजूद थे।
-पुलिस विभाग के राजेश सिंह, क्राइम ब्रांच के अनूप शर्मा सादी वर्दी में जांच शुरू कर दी। मुक्तांगन के अंदर जाकर सभी व्यक्तियों पर निगाह रखी गई।
-घंटों की मशक्कत के बाद ट्रैकिंग करने पर पता चला कि वह मुक्तांगन के बाहर खड़ी किसी गाड़ी में ही है। सभी लोगों ने मिलकर सभी गाड़ियों में ढूंढना चालू कर दिया। यह काम बहुत ही सावधानी से किया गया, ताकि किसी भी पर्यटक को कोई परेशानी ना हो।
-धीरे-धीरे वहां से सब गाड़ियां कम होने लगी, लेकिन मोबाइल का लोकेशन वहीं पर दिखाता रहा। धीरे-धीरे मुक्तांगन के बंद होने का समय आ रहा था और एक-एक करके सभी पर्यटक अपने घर को जा रहे थे।
-आखिरी में देखा गया कि टवेरा के पास एक फैमिली खड़ी है, जो घर नहीं जा रही है। सब लोग मुस्तैदी से गाड़ी की ओर निगाह लगाए बैठे हुए थे कि कब गाड़ी वाला आएगा तो उससे बातचीत की जाए।
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-एक गाड़ी में बैठे लोगों से पूछताछ की गई, जानकारी मिली वह लोग राजनांदगांव से आए हैं और थोड़ी समय पहले मैत्रीबाग में घूमने के लिए गए थे, फिर वहां से रायपुर मुक्तांगन घूमने आए।
-ड्राइवर को ट्रेस किया गया और उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि हां उसे एक लावारिश बैग मिला था, जिसे वह अपने साथ ले आया था। और समय मिलने पर उसको उसके मालिक को वह लौटना चाहता था।
-पुलिस विभाग ने तुरंत वह बैग जब्त किया और उसे व्यक्ति को समझाई दी। बैग में सारे डॉक्यूमेंट, पासपोर्ट, चाबियां मिलीं।
-इससे पहले मैत्रीबाग के सभी सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया। मैत्रीबाग के अधिकारी और कर्मचारी भी पूरी तरह से खोजबीन में जुटे रहे।