- पेंशन को लेकर नाराजगी इतनी बढ़ चुकी है कि लोकसभा चुनाव में 76 लाख वृद्ध पेंशनर्स के लगभग 3 करोड़ वोटों की दिशा भी तय करने की चेतावनी दी गई है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। ईपीएस 95 पेंशन (EPS 95) को लेकर दिल्ली से एक बड़ी खबर आ रही है। सरकार और ईपीएफओ (EPFO) के खिलाफ दिल्ली में घेराबंदी की गई है। 7 दिसंबर को रामलीला मैदान नई दिल्ली में देश के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में पेंशनर्स पहुंचे। पेंशनर्स ने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया।
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लगभग 150 ट्रेनों के कैंसिल होने के बाद भी लगभग एक लाख पेंशनर्स ने पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ धरना में भाग लिया। दरअसल, पेंशनर्स की मुख्य मांगें न्यूनतम पेंशन को एक हजार रुपयों से बढ़ाकर साढ़े सात हजार रुपए महीना करने, साथ में डीए और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार उच्च पेंशन के मामलों को तीव्र गति से निपटाए जाने इत्यादि हैं।
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न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की मांग को लेकर पिछले सात आठ वर्षों से पेंशनर्स आंदोलित हैं। ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने कई अवसरों पर विविध प्रकार के आंदोलन किए हैं। प्रधानमंत्री से कमांडर राउत-राष्ट्रीय अध्यक्ष और वीरेन्द्र सिंह राजावत-राष्ट्रीय महासचिव, अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ दो बार मिल चुके हैं।
वित्त मंत्री, श्रम एवं रोजगार मंत्री, रक्षा मंत्री, केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त इत्यादि शीर्ष मंत्रियों और अधिकारियों से भी मिलकर अपनी बात रख चुके हैं। देश के विभिन्न हिस्सों के अतिरिक्त नई दिल्ली में भी कभी केंद्रीय भविष्य निधि संगठन के कार्यालय के समक्ष, तो कभी रामलीला मैदान या जंतर मंतर में अनशन किए हैं। लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है।
राष्ट्रीय संघर्ष समिति छत्तीसगढ़ राज्य अध्यक्ष एलएम सिद्दीकी ने बताया कि ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने निर्णय लिया था कि नई दिल्ली रामलीला मैदान में 7 दिसंबर 2023 को एक दिवसीय धरना के अतिरिक्त 8 दिसंबर 23 से क्रमिक अनशन किया जाए, ताकि वृद्ध पेंशनर्स की कठिनाइयों की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया जा सके।
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8 दिसंबर को राष्ट्रीय महिला फ्रंट, 9 दिसंबर को आंध्र, तमिलनाडु, केरल के साथी, 10 दिसंबर 23 को ओडिशा, बिहार के पेंशनर्स और 11 दिसंबर 23 को पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के सदस्यगण अनशन पर बैठे हैं।
एलएम सिद्दीकी के अनुसार यह निश्चय किया गया है कि विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा यह अनशन “अनवरत” और “अखंडित” चलता रहेगा। जब तक कि मांगें पूरी नहीं हो जाती। यदि हमारी मांगों पर सकारात्मक दृष्टिकोण से विचार नहीं किया गया तो आने वाले लोकसभा चुनाव में 76 लाख वृद्ध पेंशनर्स के लगभग 3 करोड़ वोटों की दिशा भी तय की जाएगी।
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13 दिसंबर से आमरण अनशन
उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर से जंतर मंतर में ही ईपीएस 95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (National Struggle Committee)” के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत, राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र सिंह राजावत-राष्ट्रीय महासचिव अपने अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ आमरण अनशन पर बैठेंगे, जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। भूपेंद्र यादव-रोजगार एवं श्रम मंत्री को इस संबंध में नोटिस दिया जा चुका है। प्रतिलिपियां भी प्रधानमंत्री एवं भविष्य निधि संगठन के अधिकारियों को प्रेषित कर दी गई है।