- सदस्यों का कहना है कि Higher Pensioners पहले से ही घाटे में हैं, क्योंकि वे EPFO के पास ब्याज सहित अपनी नकदी जमा कर रहे हैं और भविष्य में ईपीएफओ से वापस न होने के कारण इसे खो देंगे।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। EPS 95 पेंशनर्स के मन की बात आपको सुननी और समझनी चाहिए। सरकार तक बात पहुंचाते-पहुंचाते थक चुके पेंशनर्स अब सोशल मीडिया पर ही अपना दुखड़ा सुना रहे हैं। पेंशनर्स Anil Kumar Namdeo EPS 95 को लेकर बड़ा सवाल उठाया।
सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा-पेंशनरों के मन में एक विचार कौंध रहा है कि खुदा न खास्ता यदि 7500 और DA की मांग पूरी होती है, तो वे जो Higher Pension की अपेक्षा लिए बैठे हैं। क्या उन्हें भी इसके बदले उपरोक्त न्यूनतम पेंशन का विकल्प संभव होगा? इस पर जवाब देते हुए Kanhaiya Sharma ने लिखा-DA जुड़ जाएगा तो सभी की प्रॉब्लम हल हो जाएगी।
Daya Bhatt लिखते हैं कि वाह क्या बात है, सबको मिलेगा। किसी को कम, किसी का ज्यादा। पर अभी निकट भविष्य में कुछ नहीं मिलेगा। अगर, कभी 2024-29 में कोई कमजोर मिली-जुटी खिचड़ी सरकार बनती है ता उसे झुकाया जा सकता है। बीजेपी की पोजिशन बहुत अच्छी हो गई है। उनको छोटे-मोटे ग्रुप के वोट से कोई फर्क नहीं पड़ता।
इसी बीच Baskaran Subramanian Iyer ने लिखा-Higher Pensioners पहले से ही घाटे में हैं, क्योंकि वे EPFO के पास ब्याज सहित अपनी नकदी जमा कर रहे हैं और भविष्य में ईपीएफओ से वापस न होने के कारण इसे खो देंगे।
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EPS 95 पर एक सदस्य ने लिखा-दया धर्म से सरकार का मन पसीज जाए,वरना जोर जबरदस्ती करने की औकात तो हमारे पास नहीं…। सरकार यदि ईश्वर, पाप पुण्य पर विश्वास करती होगी तो पेंशन में इजाफा, दान दक्षिणा जैसा पुण्य कार्य संभव है…।
शंकर शिव ने भड़ास निकालते हुए लिखा-सरकार केवल वोट में विश्वास रखती है। मोदी जी रहते पेंशन की उम्मीद करना ही बेकार है…।
देश मानता है कि मोदी है तो मुमकिन है, लेकिन असहाय बुजुर्ग वो पेंशनर जो Eps 95 की श्रेणी में हैं और शासन इन्हें 1000 से लेकर 2500 रुपए तक पेंशन के रूप में देती है, जबकि ज्यादातर लोगों को 5000 तक की दवाइयों की ज़रूरत रहती है।
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बाकी व्यवस्था के लिए कोई जिम्मेदार नहीं। इसके पहले ये अपनी पूरी शक्ति,लगन व पूर्ण ईमानदारी के साथ अलग-अलग इकाइयों के माध्यम से देश हित व सेवा में भागीदारी रही है। आज इनके लिए वह सोच मुमकिन वाली नामुमकिन साबित हो रही है।