EPS 95: NAC के प्रस्ताव पर सिफारिश होगी या नहीं, सुप्रीम पर नज़र

  • भड़के पेंशनर्स ने कहा-EPFO का गठन बुजर्गों की सामाजिक सुरक्षा है। लेकिन, वर्तमान में ईपीएफओ एक सुदखोर की तरह काम कर रहा है।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। ईपीएस 95 पेंशन: पेंशनर्स Anil Kumar Namdeo का कहना है कि समिति के पास केवल एनएसी के प्रस्ताव पर सिफारिश करने की शक्ति है और शायद 29 फरवरी तक केवल इतना ही सूचित करेगी।

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अब तक निर्णय का संबंध है, सरकार से घोषणा कि हम सभी की आवश्यकता है, कि मौजूदा पेंशन कितनी बढ़ी है। या तो अंतिम राहत या यह एक अंतरिम हो सकता है राहत…। इस बार आश्वासन से काम नहीं चलेगा। कार्यान्वयन की तारीख के साथ निर्णय आवश्यक है। उम्मीद है कि एनएसी नेतृत्व पिछले आंदोलन से अलग होते हुए भी एक ही उम्मीद रखता है।

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अब तो सुप्रीम कोर्ट पर ही पेंशनर्स को यकीन

वहीं, पेंशनर्स Swarn Singh Mann ने कहा-EPFO का गठन बुजर्गों की सामाजिक सुरक्षा है। लेकिन, वर्तमान में ईपीएफओ एक सुदखोर की तरह काम कर रहा है। ईपीएफ 95 के पेंशनर का गला किस तरह कटा जाए, ये काम कर रहा है। सरकार की मिलीभगत तो जग जाहिर।

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सुप्रीम कोर्ट को कोई संज्ञान लेना चाहिए। अब वही सहारा है। स्वर्ण सिंह ने कहा-80 से 85 साल के बुजुर्जों के न्याय में इतना विलंब ठीक नहीं है। सब का विकास सबको न्याय ये कब पूरा होगा, यह देखने वाली बात होगी।

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पेंशनर्स वोट बैंक को लेकर काफी सक्रिय

इसी तरह पेंशनर्स Sasi Nair ने पोस्ट किया। लिखा-सभी निजी क्षेत्र के श्रमिकों और पेंशनरों के लिए एक सूचना: आगामी चुनाव में कृपया किसी राजनीतिक पार्टी या नेता को वोट न दें।

व्यक्तिगत उम्मीदवार को ही वोट दें, क्योंकि सरकार या राजनीतिक दल  EPS 95 पेंशनरों को उपेक्षा कर रहे हैं। अपने परिवार के साथ वोट देने के लिए धन्यवाद।

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