- इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सभी पात्र नागरिकों से मतदाता सूची में पंजीकरण करने की अपील।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। 18वीं लोकसभा के आम चुनाव के सफल समापन के बाद, भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड राज्यों में मतदाता सूचियों के अद्यतनीकरण के साथ आगामी राज्य विधानसभा चुनावों की तैयारी आरंभ कर दी है। विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची का अद्यतन, 1 जुलाई, 2024 को अर्हक तिथि के रूप में आरंभ होगा।
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इन तीनों राज्यों में विद्यमान विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः 03.11.2024, 26.11.2024 और 05.01.2025 को समाप्त होने जा रहा है और इन विधानसभाओं के चुनाव उनके कार्यकाल पूरा होने से पहले कराए जाने आवश्यक हैं।
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इसके अतिरिक्त, निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद एक नए सदन के गठन के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विधानसभा के लिए आम चुनाव भी कराए जाने हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों की भारी भागीदारी को देखते हुए, आयोग ने 1 जुलाई, 2024 को अर्हक तिथि मानते हुए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में मतदाता सूचियों को अद्यतन करने का भी निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि सीईसी राजीव कुमार ने पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस में टिप्पणी की थी कि “जम्मू-कश्मीर के लोगों द्वारा लोकसभा चुनावों में प्रचुर भागीदारी की कहानी बहुत ही आशाजनक और प्रेरणादायक है, जो दर्शाती है कि लोग लोकतंत्र में भाग लेने के लिए कितने उत्सुक हैं। लोगों के लिए शांतिपूर्ण और एकजुट रहना, अपनी आकांक्षाओं को पूरा करना और अपना भविष्य तथा शासन तय करना महत्वपूर्ण है। आयोग इसे संभव बनाने में मदद करने के लिए उत्साहित और संतुष्ट है और जल्द ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू करेगा।”
आयोग मतदान केंद्रों के विवेकीकरण के लिए प्रयास कर रहा है, ताकि मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केंद्रों को और भी छोटी बस्तियों के करीब लाया जा सके और साथ ही साथ धमकी, मौन या अन्यथा, की गुंजाइश को समाप्त किया जा सके, जो मतदान के अधिकार के स्वतंत्र प्रयोग को बाधित करता है।
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इसी मंतत्व से, आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले 22 सितंबर, 2023 के अपने निर्देशों के माध्यम से सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे शहरी क्षेत्रों में ऊंचे भवनों/समूह आवास सोसायटियों, झुग्गी बस्तियों और शहरी/अर्ध-शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं के लिए सबसे सुविधाजनक स्थानों पर मतदान केंद्र स्थापित करें।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान यह अनुभव किया गया है कि आवासीय सोसाइटियों आदि से अलग स्थापित मतदान केंद्रों की तुलना में ऐसे मतदान केंद्रों में मतदान का प्रतिशत काफी अधिक था। इसलिए, आयोग ने एक बार फिर इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सीईओ को मतदान केंद्रों के युक्तिकरण के चल रहे अभ्यास के दौरान व्यापक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया ताकि उन शहरी क्षेत्रों की पहचान की जा सके, जहां ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियां और ऊंची आवासीय इमारतें स्थित हैं जिनमें उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद निवासी मतदाताओं की सेवा के लिए मतदान केंद्र स्थापित करने के उद्देश्य से पर्याप्त कमरे/सामान्य सुविधा क्षेत्र/सामुदायिक हॉल/स्कूल हैं।